आजकल लोग थिएटर में फिल्म देखने के साथ-साथ घर बैठे ऑनलाइन भी मूवी का लुत्फ उठाते हैं। लेकिन आज से 60 साल पहले फिल्म देखना अलग-अलग कारणों से खास हुआ करता था। अगर कोई फिल्मों के लिए थिएटर में लंबे समय तक टिक पाना बड़ी बात हुआ करती थी। मनोरंजन के सीमित साधनों के बीच दर्शकों के लिए सिनेमाघर एकमात्र विकल्प था। इस एरा में राजेंद्र कुमार बड़े स्टार बनकर उभरे। उन्हें जुबली कुमार भी कहा जाता था। जिसके पीछे एक बड़ा कारण था।

आज के दर्शक के लिए ‘सिल्वर जुबली’ भले ही आम बात हो गई हो, लेकिन उस वक्त ‘सिल्वर जुबली’ मनाने वाली फिल्म बड़ी बात हुआ करती थी। उस वक्त अगर फिल्में सिनेमाघरों में 25 हफ्तों तक चल जाती थीं उनके लिए सिल्वर जुबली शब्द इस्तेमाल किया जाता था।

वहीं जो फिल्में 50 हफ्तों तक चल जाती थी उसे फिल्म की गोल्डन जुबली कहा जाता था। राजेंद्र कुमार ऐसे एक्टर थे, जिनकी फिल्में लंबे समय तक चलती थी, इसलिए उन्हें जुबली कुमार कहकर बुलाया जाने लगा।

सोच-समझकर करते थे फिल्में: राजेंद्र बहुत सोच-समझकर फिल्मों की स्क्रिप्ट चुना करते थे, यही कारण है कि उन्होंने जो फिल्म की वो हिट हुई। इसलिए प्रोड्यूसर को लगने लगा था कि वो फिल्मों के लिए लकी हैं। महबूब खान की ‘मदर इंडिया’ उनकी पहली बड़ी हिट रही थी।

हालांकि उस फिल्म की सफलता का श्रेय नरगिस को दिया गया, जो सही भी था। राजेंद्र कुमार की हिट फिल्मों का सिलसिला 1959 की ‘धूल का फूल’ से शुरू हुआ। उसके बाद राजेंद्र कुमार ने ‘घराना’, ‘दिल एक मंदिर’, ‘मेरे महबूब’, ‘संगम’, ‘आई मिलन की बेला’, ‘आरजू’, ‘सूरज’, ‘झुक गया आसमान’, ‘तलाश’ और ‘गंवार’ जैसी हिट फिल्में दी और बॉक्स ऑफिस पर सबसे सफल अभिनेता बन गए।

राजेश खन्ना ने खरीदा था राजेंद्र कुमार का घर: उनको इस कदर तक भाग्यशाली कहा जाने लगा कि राजेश खन्ना ने राजेंद्र कुमार का बंगला यह सोचकर खरीद लिया कि ये उनके लिए भी उतना ही लकी होगा। राजेश खन्ना की प्रसिद्ध हवेली, जिसका नाम उन्होंने आशीर्वाद रखा था, पहले राजेंद्र कुमार की हुआ करती थी और इसे ‘डिंपल’ के नाम से जाना जाता था।

लेकिन राजेश खन्ना ने कुमार से कहा कि वो उन्हें हवेली बेच दे और जब कुमार ने उसे बेच दिया, तो उन्होंने खन्ना से नाम बदलने को कहा। क्योंकि हववेली का नाम ‘डिंपल’ राजेंद्र कुमार की बेटी के नाम पर रखा गया था। हालांकि खन्ना भी इस नाम को रखना चाहते थे क्योंकि उनकी पत्नी भी डिंपल कपाड़िया थी।

आपको बता दें कि राजेंद्र कुमार के बाद उनके बेटे कुमार गौरव ने भी फिल्म ‘लव स्टोरी’ में बतौर हीरो काम किया। इस फिल्म में राजेंद्र ने ही उन्हें लॉन्च किया था। राजेंद्र ने कई फिल्में प्रोड्यूस की, जिसमें महेश भट्ट की ‘नाम’ शामिल है। जिसके बाद राजेंद्र कुमार साल 1999 में दुनिया को अलविदा कह गए।