इतिहास के पन्नों में जब भी वीरता और शौर्य की गाथाओं चर्चा होती है तो इसमें कई नाम सामने आते हैं। मुगल साशकों से अगर किसी ने डट कर सामना किया है तो वो मराठा साम्राज्य ही रहा है। इसकी नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज थे। भारत की धरती ने ऐसे कई लाल दिए, जिसने अपने खून से मिट्टी को लाल कर दिया मगर धर्म को झुकने नहीं दिया। इसी में से एक साहसी और वीर योद्धा शिवाजी महाराज थे। सबके जहन में ख्याल जरूर आता है कि शिवाजी महाराज जब तक थे तो उन्होंने धर्म की रक्षा की फिर उनके बाद क्या हुआ? वो भले ही दुनिया से चले गए थे लेकिन, अपने पीछे वो अपनी सोच छोड़ गए थे, जिसने मुगल सल्तनत को हिलाकर रख दिया था। वो कोई और नहीं बल्कि छावा थे। अब ये छावा था कौन चलिए बताते हैं उनके बारे में…

विक्की कौशल की ‘छावा’ एक ऐसे वीर और साहसी योद्धा की कहानी है, जिसने 22 साल की उम्र में पहला और 32 की उम्र में आखिरी युद्ध लड़ा था। उन्होंने अपने जीवन काल में 120 युद्ध लड़े और जीते भी। मुगल शासक औरंगजेब ने छावा से कई युद्ध लड़े मगर वो कभी उनसे जीत नहीं पाया। उसका जीत का सपना हमेशा के लिए सपना ही रह गया, जो कभी पूरा ही नहीं हुआ। ये छावा कोई और नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े बेटे छत्रपति संभाजी महाराज थे। छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद संभाजी ने ही मराठा साम्राज्य की बाग-डोर संभाली थी। उन्होंने बचपन में ही मां को खो दिया था, जिसके बाद उनका पालन पोषण दादी जीजाबाई ने की।

कैसे पड़ा था नाम छावा?

इसके साथ ही अगर संभाजी महाराज के नाम छावा की बात की जाए तो ये नाम रखने के पीछे कोई बड़ा इतिहास नहीं रहा है बल्कि उन्हें शिवाजी महाराज प्यार से छावा कहते थे, जिसका अर्थ शेर का बच्चा, साहसी और वीर होता है। मराठी में शेर के बच्चे को छावा कहा जाता है।

छावा 32 साल की उम्र में 70 साल के औरंगजेब से युद्ध हारे जरूर थे लेकिन सही मायने में ये हार, हार नहीं थी। संभाजी महाराज को औरंगजेब कभी हरा तो नहीं पाया लेकिन अंत में उनके अपनों ने ही उनके युद्ध हारने का करण बन बैठे। भीरतघात के कारण मुगल शासक के सिपाहियों ने उन्हें पकड़ लिया था। एक साजिश के तहत संभाजी के कुछ करीबी लोगों ने ही मुगलों का साथ दिया और उन्हें कैद कर लिया गया था। औरंगजेब उनसे माफी मंगवाना चाहता था लेकिन, संभाजी ने ऐसा हरगिस नहीं किया।

औरंगजेब ने खूब किए थे संभाजी पर अत्याचार, चाहता था उनके जैसा बेटा

मुंगलों ने संभाजी महाराज को कैद करने के बाद उन पर काफी अत्याचार किए थे। यहां तक कि उनकी आंखें भी निकाल ली गई थीं। शरीर के टुकड़े कर दिए गए थे और इतिहास के पन्नों में अमर हो गए। संभाजी महाराज की मौत से मराठा साम्राज्य को तगड़ा झटका लगा था। औरंगजेब को भी उनकी मौत का अफसोस हुआ था। इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो पता चलता है कि औरंगजेब संभाजी महाराज का कायल था और वो भी उनके जैसा ही बेटा चाहता था।

14 फरवरी को रिलीज होगी ‘छावा’

बहरहाल, अब बात की जाए तो अगर विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ की तो ये वैलेंटाइन डे के मौके पर 14 फरवरी, 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। इसका निर्देशन लक्ष्मण उतेकर ने किया है और इसके प्रोड्यूसर दिनेश विजान हैं। इसमें विक्की के साथ लीड रोल में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना भी हैं। वहीं, औरंगजेब की भूमिका में एक्टर अक्षय खन्ना हैं। गौरतलब है कि विक्की कौशल ने इस फिल्म के लिए 4 साल तक कड़ी मेहनत की थी और करीब 7 महीने तक बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन पर काम किया था। इस रोल को स्क्रीन पर यादगार बनाने के लिए उन्होंने अपना 25 किलो तक वजन तक बढ़ाया था।

Chhaava: 7 महीने बॉडी पर किया काम, 25 किलो बढ़ाया वजन, ‘छावा’ में शेर जैसे दिखने के लिए विक्की कौशल ने 4 साल की कड़ी मेहनत