धर्मेंद्र ने 1960 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की थी। 1975 में फिल्म शोले ने धर्मेंद्र की जिंदगी ही पलट दी थी। ये दौर ऐसा था जब धर्मेंद्र की बॉलीवुड में खास पहचान बनने लगी और वे देखते ही देखते स्टार बन गए। 70 के दशक में ही राजेश खन्ना की भी एंट्री हो चुकी थी। लेकिन 80 का दशक आते आते राजेश खन्ना एक्टर से स्टार औऱ स्टार से सुपरस्टार बन गए थे।

राजेश खन्ना ही वह पहले शख्स थे जिनमें फिल्म इंडस्ट्री को पहला सुपरस्टार मिला था। वो दौर कॉम्पिटीशन का था। लेकिन धर्मेंद्र हमेशा कहते रहे हैं कि वह कोई बड़ी चाहत मन में नहीं रखते। ऐसे ही एक इवेंट पर धर्मेंद्र अपने दोनों बेटे और बॉलीवुड एक्टर्स सनी देओल और बॉबी देओल के साथ अपनी फिल्म की प्रमोशन के लिए पहुंचे थे।

फिल्म यमला पगला दीवाना के प्रमोशन पर किसी ने जब सनी देओल से ‘सुपरस्टार’ होने को या स्टारडम को कायम रखने को लेकर सवाल कर लिया उसका जवाब सनी देओल ठीक से दे नहीं पाए। ऐसे में वहां मौजूद पापा धर्मेंद्र ने तुरंत इस सवाल की हाजिर जवाबी के लिए माइक थाम लिया था।

इवेंट में सनी देओल और बॉबी देओल से सवाल पूछ लिया गया था- कि ‘सुपरस्टार बनाना या स्टारडम बनाए रखना कितना मुश्किल है?’ इस सवाल का जवाब जब सनी देओल देने की कोशिश करने लगे, तभी पिता धर्मेंद्र ने इस का जवाब देने की ठानी। उन्होंने कहा- ‘हम स्टार नहीं बने, हम एक्टर हैं। ये ‘सुपर’ वर्ड हमें राजेश खन्ना ने दिया है। इसलिए कि उन्हें ये ढंग आता था। हमें ये ढंग नहीं आता, न हम ये ढंग सीखेंगे। हम जैसे हैं वैसे ही चलना चाहते हैं।’

धर्मेंद्र ने आगे कहा था- ‘नंबर वन हो टू हो थ्री हो, मेरा एक शेर मैं हमेशा कहता हूं कि ‘हम तीन में हैं न तेरह में हैं, मगर खुदा के बंदों की उस गिनती में हैं, जो खुदा को मोहब्बत और मोहब्बत को खुदा कहते हैं।’ धर्मेंद्र ने आगे कहा था- ‘जोर ए मोहब्बत अगर बना लिए हैं दिलों में, अब दिलों से निकालें हम कहां निकलते हैं!’

बता दें, सुपरस्टार राजेश खन्ना का क्रेज फैंस में उस वक्त सिर चढ़ कर बोल रहा था राजेश खन्ना के स्टाइल का हर कोई दीवाना था। उनकी फिल्में लगातार हिट हो रही थीं और उनके चाहने वाले उनकी झलक देखने को बेताब रहते थे।