गजलों की दुनिया के सरताज कहे जाने वाले जगजीत सिंह का आज 77वां जन्मदिवस है। उनका जन्म 8 फरवरी, 1941 को राजस्थान के श्रीनगर में हुआ था। वैसे तो जगजीत सिंह के जीवन से जुड़ी ऐसी बहुत सी बातें है जो शायद की आप जानते होंगे। आज हम आपको जगजीत सिंह के उन दिनों के बारे में बता रहे हैं जब उनके स्टेज पर आने से पहले ही बॉलीवुड के जाने माने फिल्म डायरेक्टर सुभाष घई को भी लगा था कि आज जगजीत सिंह बुरी तरह फ्लॉप होने वाले हैं। विश्वास नहीं होता ना? चलिए आज हम बताते हैं आखिर क्या था पूरा मामला।

दरअसल ये वाकया उन दिनों का है जब जगजीत सिंह को अपने कॉलेज की तरफ से स्टेट लेवल के कॉलेज यूथ फेस्टिवल में भाग लेने के लिए बेंगलुरु भेजा गया था। जगजीत सिंह पर किताब लिखने वाली सत्या सरन ने ‘बीबीसी’ को दिए इंटरव्यू में उनके बारे में कई बातें बताई जो कम ही लोग जानते हैं। सत्या सरन का कहना है कि सुभाष घई ने मुझे बताया था। रात 11 बजे जगजीत का नंबर आया। माइक पर जब उद्घोषक ने घोषणा की कि पंजाब यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट शास्त्रीय संगीत गाएगा तो वहां मौजूद लोग ज़ोर से हंसने लगे। उनके लिए पंजाब तो भंगड़ा के लिए जाना जाता था।

सत्या सरन को सुभाष घई ने बताया कि जगजीत के स्टेज पर आने से पहले ही बहरा कर देने वाला शोर होने लगा था, लोग सीटी बजा रहे थे और सुभाष घई को लगा की आज जगजीत बुरी तरह फ्लॉप होने वाले हैं। लेकिन कान फाड़ शोर के बीच जगजीत सिंह ने आंखें बंद कर अलाप लेना शुरू किया और तीस सैकेंड बाद मानों उनका जादू चल गया। लोग शांत होकर उन्हें सुन रहे थे। जल्द ही लोग बीच-बीच में तालियां बजाने लगे। आखिर में जब जगजीत सिंह ने गाना खत्म किया तो लोगों ने पूरे जोश के साथ बहुत देर तक तालियां बजाईं। सुभाष घई ने सरन से कहा कि उस वक्त उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। यहां जगजीत सिंह को पहला पुरुस्कार मिला था।

‘चिट्ठी ना कोई संदेश कहां तुम चले गए’, ‘होठों से छू लो तुम’, ‘कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे’, ‘होश वालों को खबर क्या’ और ऐसी ना जानें कितनी गजलें जगजीत सिंह के नाम हैं जो आज भी उनके हमारे बीच होने का एहसास कराती है। मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह मखमली आवाज के जादूगर थे। जगजीत सिंह को ‘गजल का किंग’ के नाम से भी जाना जाता है।