बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता शाहरुख खान और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के बीच हमेशा किसी न किसी बात को लेकर अनबन रही। कभी शाहरुख को बालासाहेब ने धमकी दे डाली तो कभी उनकी फिल्म को रिलीज होने से रोका गया। बात 1997 की है, ये वो वक्त था जब शाहरुख खान बॉलीवुड में अपनी धाक जमा चुके थे। उनकी फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ की जबरदस्त सफलता ने उन्हें टॉप का अभिनेता बना दिया था।

11 जनवरी 1997 को शाहरुख खान निर्माता फिरोज नाडियाडवाला की शानदार पार्टी में गए जो मुंबई के ओबेरॉय टावर्स में थी। यह पार्टी नडियाडवाला की फिल्म, ‘रफ़्तार’ के मुहूर्त के अवसर पर रखी गई थी, जहां बॉलीवुड के बड़े सितारों समेत बालासाहेब ठाकरे भी मौजूद थे। जब शाहरुख खान पार्टी के लिए होटल पहुंचे तो मेटल डिटेक्टर में उनके पास लोडेड गन पाई गई।

रेडिफ डॉट कॉम में उस दौरान छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, शाहरुख खान ने गार्ड्स को बताया कि वो गन अपनी सुरक्षा के लिए रखते हैं। गार्ड्स ने उन्हें कहा कि वो गन को बाहर ही रख दें जिस पर शाहरुख खान नाराज़ हुए और वो गार्ड्स से उलझ गए। शाहरुख खान ने कहा कि फिरोज नाडियाडवाला आकर उन्हें इस मुश्किल से निकालें लेकिन पार्टी में व्यस्त नाडियाडवाला शाहरुख खान के बुलावे पर नहीं गए। इस पर शाहरुख और नाराज़ हुए और उन्होंने नाडियाडवाला को भी बुरा- भला कहा।

 

जब नाडियाडवाला के सेक्रेटरी को यह बात पता चली तो वो अंदर गए और उन्हें यह बात बताई। बात बढ़ते- बढ़ते जब बालासाहेब ठाकरे को पता चली तब उन्होंने शाहरुख खान को धमकी दे डाली। उन्होंने शाहरुख खान को एक संदेश भेजकर कहा कि वो जल्दी से अपना लाइसेंस गार्ड्स को दिखाएं और बंदूक जमा कर दें नहीं तो मैं उनकी कोई फिल्म आगे से रिलीज नहीं होने दूंगा। इसके बाद शाहरुख खान का गुस्सा कम हुआ और उन्होंने गार्ड्स को बंदूक के लाइसेंस दिखाए, बंदूक जमा की और तब पार्टी में गए।

 

 

इसी तरह साल 2010 में जब शाहरुख खान की फिल्म ‘माई नेम इज खान’ रिलीज होने वाली थी तब बाल ठाकरे ने फिल्म के रिलीज़ पर रोक की धमकी दे डाली थी। दरअसल शाहरुख खान ने आईपीएल में बोली लगाते हुए इसमें पाकिस्तानी क्रिकेटर प्लेयर्स को हिस्सा बनाने की इच्छा जाहिर की थी। उनके इस बात पर बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना नाराज़ हो गई और फिल्म की रिलीज रोकने की धमकी दे डाली थी।