राजेश खन्ना और आरडी बर्मन ने कई दशकों तक एक दूसरे के साथ काम किया। इसमें किशोर कुमार को भी जोड़ लें, तो बॉम्बे फिल्म इंडस्ट्री की सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली तिकड़ी में से एक बन जाती है। उनके बीच प्रोफेशनल रिलेशन से ज्यादा गहरा आपसी सम्मान भी था। खास तौर पर राजेश खन्ना की आरडी बर्मन के प्रति प्रशंसा। हाल ही में, गायक सुदेश भोसले ने एक घटना को याद किया, जो बर्मन के संगीत के प्रति खन्ना के सम्मान को दर्शाती है।
सुदेश ने रेडियो नशा से बात करते हुए कहा, “कई साल पहले बालू जी ने हैदराबाद में ‘ये शाम मस्तानी’ नाम से एक शो आयोजित किया था। सभी कलाकार दक्षिण और मुंबई से थे, किशोर दा के गाने गाने के लिए सिर्फ मुझे बुलाया गया था। मुख्य अतिथि राजेश खन्ना और गुलजार साहब थे। जब राजेश खन्ना को सम्मानित करने के लिए मंच पर बुलाया गया, तो मुझे अच्छी तरह याद है कि उन्होंने कहा था, ‘पंचम के गानों में बदलाव मत करो।”
सुदेश भोसले ने बॉलीवुड में मौजूदा चलन के बारे में विस्तार से बताया, जहां पुराने गानों को अक्सर मूल संगीतकारों को उचित श्रेय दिए बिना रीमिक्स किया जाता है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा, “ये गाना ‘आंख मारे’ बहुत लोकप्रिय था। इसलिए उन्होंने विजू शाह को बुलाया और कहा कि हम ये गाना ले रहे हैं, और उन्होंने कहा, ‘अब मैं क्या कर सकता हूं? बस मुझे क्रेडिट दे दो।’ लेकिन उन्होंने कहा, ‘हम आपको क्रेडिट नहीं दे सकते क्योंकि हमने सभी राइट्स खरीद लिए हैं।'”
सुदेश ने एक अवॉर्ड फंक्शन में हुई घटना को भी याद किया, जिसमें एक ओरिजिनल कंपोजर को नजरअंदाज कर दिया गया था। “मैंने खुद अवॉर्ड फंक्शन में ऐसा देखा है, जब मैं आनंदजी और उनकी पत्नी के बगल में बैठा था और स्टेज पर एक म्यूजिक डायरेक्टर को ‘अपनी तो जैसे तैसे’ गाने के लिए अवॉर्ड दिया गया, जबकि ओरिजिनल कंपोजर वहीं बैठा था। देखिए, प्रेरित होने में कोई दिक्कत नहीं है… हर कोई प्रेरित हुआ है। लेकिन जिसने उस रचना को जन्म दिया, उसे श्रेय दिया जाना चाहिए।”
आपको बता दें कि इस वक्त आरडी बर्मन, मजरूह सुल्तानपुरी, लता मंगेशकर के गाने कांटा लगा के रीमिक्स को लेकर सोना मोहापात्रा ने भी कुछ ऐसी ही बात कही है। उन्होंने इसका रीमिक्स बनाने वाले मेकर्स पर कटाक्ष किया है। उन्होंने लिखा, “कांटा लगा’ को तीन दिग्गजों ने बनाया है। संगीतकार, गीतकार और गायक- आरडी बर्मन, मजरूह सुल्तानपुरी, लता मंगेशकर। ये बहुत ही गलत तरीके की ‘रिटायरमेंट’ है। लोगों ने खुद को मेकर्स कहकर मौत से पीआर पाने के लिए ये किया है।” पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…