अमिताभ बच्चन को सदी कामहानायक कहा जाता है। 1975 में जब अमिताभ की फिल्म शोले रिलीज़ हुई तब वो रातोंरात स्टार बन गए थे। भारतीय फिल्म इतिहास में अमिताभ बच्चन की यह फिल्म एक बेहतरीन फिल्म मानी जाती है लेकिन अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अमिताभ की इस फिल्म को महान फिल्म मानने से इनकार कर दिया था और कहा था कि अमिताभ ने कोई महान फिल्म नहीं बनाई है।

नसीरुद्दीन शाह ने एक इंटरव्यू में अमिताभ बच्चन की फिल्म शोले की तुलना ‘साधू और शैतान’ से करते हुए कहा था कि शोले कोई महान फिल्म नहीं थी बल्कि साधू और शैतान की तरह ही एक फिल्म थी। नसीरुद्दीन शाह ने अमिताभ पर टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘उन्होंने तो कोई ग्रेट फिल्म नहीं बनाई। शोले को मैं ग्रेट फिल्म नहीं मानता। मज़ेदार जरुर है लेकिन महान फिल्म किसी भी एंगल से वो नहीं है।’

नसीरुद्दीन ने आगे कहा था, ‘मज़ेदार फिल्म तो थीफ ऑफ़ बगदाद भी थी, साधू और शैतान भी मज़ेदार फिल्म थी।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वो अमिताभ को एक महान कलाकार नहीं मानते तो उनका जवाब था, ‘मैं मानता हूं लेकिन जैसा कि एक्टिंग के एक महान शख्स ने कहा था कि एक्टर का टैलेंट इस पर निर्भर करता है कि वो किस तरह की फिल्मों का चुनाव करता है। अमिताभ ग्रेट एक्टर हैं, कोई शक नहीं।’

 

नसीरुद्दीन शाह अपनी इसी बेबाकी के चलते एक बार विवादों में भी आ गए थे। दरअसल उन्होंने भारत के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की एक्टिंग को लेकर कहा था कि वो एक घटिया एक्टर थे। नसीरुद्दीन ने कहा था कि राजेश खन्ना को लोग भगवान मानते थे लेकिन उन्होंने सिनेमा में नयापन लाने के लिए कुछ नहीं किया बल्कि उनके समय भारतीय सिनेमा मध्यम दर्जे का हो चला था।

 

उनकी इस टिप्पणी पर काफी विवाद हुआ था।राजेश खन्ना की पत्नी डिंपल नाराज़ हो गईं थीं और बेटी ट्विंकल खन्ना ने कहा था कि जब आप जिंदा लोगों की इज्जत नहीं कर सकते तो मरे हुए लोगों की तो इज्जत करना सीखिए।

नसीर ने हालांकि बाद में माफ़ी मांग ली थी। अक्षय कुमार ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि किसी भी अभिनेता को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए, दूसरों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।