यूट्यूबर गौरव तनेजा जिन्हें उनके फैंस फ्लाइंग बीस्ट के नाम से भी जानते हैं, उन्होंने बीते दिन 12 जून को अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश पर अपना रिएक्शन दिया था। गौरव अक्सर अपने सोशल मीडिया हैंडल यूट्यूब पर हवाई दुर्घटनाओं के बारे में वीडियो बनाते हैं और अपना विश्लेषण पेश करते हैं। बता दें कि यूट्यूबर ने एक दशक तक कमर्शियल पायलट के रूप में काम किया और जब वे व्हिसलब्लोअर स्कैंडल में शामिल हुए, उस समय वे एयर एशिया में कैप्टन थे।
उस समय उन्होंने एयरलाइन पर अपने पायलटों पर अनुचित रूप से खतरनाक लैंडिंग करने का दबाव डालने और उन्हें सजा देने का आरोप लगाया था। उन्होंने साल 2020 के एक वीडियो में अपनी शिकायतों को साफ किया, जिसे अब यूट्यूब पर 10 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है।
गौरव ने कही थी ये बात
गौरव ने अपने वीडियो में बताया था कि विमान की लैंडिंग के लिए दो तरीके होते हैं, जिनमें से एक ईंधन की बचत करता है। एयर एशिया ने पायलटों को 98% लैंडिंग इसी तरीके से करने का निर्देश दिया था। विमान का वजन, हवा और मौसम की स्थिति के आधार पर पायलट को तय करना होता है कि कौन सा तरीका अपनाना है। पायलटों को अपनी विशेषज्ञता के आधार पर निर्णय लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के कुछ हवाई अड्डे ईंधन-कुशल लैंडिंग के लिए उपयुक्त नहीं हैं।”
इसके आगे उन्होंने कहा, “जब हम फ्लाइट उतारते हैं, तो हमारे पास चुनने के लिए दो कॉन्फिगरेशन होते हैं- फ्लैप 3 और फ्लैप फुल। दोनों सुरक्षित हैं, दोनों एयरबस द्वारा प्रमाणित हैं,लेकिन उनका इस्तेमाल विभिन्न स्थितियों में किया जाता है। अगर एयरबस को सिर्फ फ्लैप 3 लैंडिंग चाहिए होती, तो वे फ्लैप फुल नहीं बनाते। वहीं, अगर वे फ्लैप फुल लैंडिंग चाहते, तो वे फ्लैप 3 नहीं बनाते।
फ्लैप 3 लैंडिंग में, आप ईंधन बचाते हैं। यह प्रति लैंडिंग सिर्फ 8 किलोग्राम है, लेकिन यह बढ़ता है। हमारी कंपनी हमें 98% फ्लैप 3 लैंडिंग का लक्ष्य देती है। एक पायलट के रूप में, आप विभिन्न कारणों से अपनी जेब में अतिरिक्त सुरक्षा मार्जिन रखना चाहते हैं, लेकिन 98% लक्ष्य आपके दिमाग पर भारी पड़ता है।”
छोटे हवाई अड्डों पर नहीं की जा सकती लैंडिंग
वीडियो में उन्होंने आगे कहा, “यहां तक कि नियामक का भी कहना है कि ऐसे हवाई अड्डे हैं, जहां फ्लैप 3 लैंडिंग खतरनाक हो सकती है। यह आमतौर पर छोटे हवाई अड्डों के लिए होता है। फ्लैप फुल लैंडिंग में, एक अतिरिक्त मार्जिन होता है, सुरक्षा लाभ होता है, लेकिन यह ज्यादा ईंधन खाता है। एग्जांपल के तौर ओर इम्फाल में फ्लैप 3 लैंडिंग करने की अनुशंसा नहीं की जाती है, क्योंकि वहां ग्लाइड ढलान बहुत खड़ी है।” वहीं, फ्लाइंग बीस्ट ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर क्या बोला था वो यहां पढ़ें।