अमर सिंह एक ऐसे नेता थे जिनकी सिनेमा से लेकर उद्योग जगत तक के लोगों से करीबी थी। अमिताभ बच्चन से तो उनकी दोस्ती की मिसालें दी जाती थीं। हालांकि बाद में दोनों के रिश्तों में दरार आ गई। अमिताभ के अलावा अमर सिंह के और कई दूसरे करीबी भी उनका साथ छोड़ गए। एक वक्त ऐसा आया जब वो बिल्कुल अकेले हो गए थे और खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे थे। तब अमर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने इन हालात को यथार्थ मानकर इसी के साथ जीना सीख लिया है।
कैंसर समझ काट दी थीं आंतें: अमर सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार त्रिदीब रमण को दिये एक इंटरव्यू में अपने स्वास्थ्य को लेकर विस्तार से बातें की थीं। उन्होंने बताया था कि उनके दोनों गुर्दे खराब हो गए थे, जिसका प्रत्यारोपण कराना पड़ा था। उनकी आंतें भी नहीं थीं। अमर सिंह ने बताया था कि किस तरह दिल्ली के एक अस्पताल में वे गलत इलाज के शिकार हो गए थे।
बकौल अमर सिंह, इस अस्पताल में कैंसर समझ उनकी आंत को गलती से काट दिया गया था। इसकी वजह से वो जो कुछ भी खाते थे वो पचता नहीं था। ऐसे हालात में उनके शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता था और वे कमजोर होते चले गए। बाद में दोनों किडनी भी खराब हो गई थी।
खाना पचाने के लिए रोज लेते थे 20-30 गोलियां: अमर सिंह ने बताया था कि जब उनकी आंत खराब हो गई, तो कुछ भी नहीं पचता था। इसके कारण वो सिर्फ खाना पचाने के लिए हर दिन दवा की 20-30 गोलियां लेते थे। ताकि शरीर के अंग भोजन को आसानी से पचा सकें और शरीर को जरूरी पोषण मिल सके।
हर तीन महीने में सिंगापुर जाते थे इलाज कराने: तमाम स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने वाले अमर सिंह के लिए सिंगापुर दूसरा घर बन गया था। वो हर तीन महीने में एक बार अपना चेकअप कराने के लिए सिंगापुर के अस्पताल जाते थे। अमर सिंह ने कहा था कि वो खुद को गाड़ी, अस्पताल को गैराज और डॉक्टर को गाड़ी का मैकेनिक समझते थे। ऐसे में नियमित तौर पर गैराज (अस्पताल) जाना जरूरी हो गया था।
तीन बार हुआ मौत से सामना: अमर सिंह के जीवन में तीन बार ऐसे मौके आए थे, जब उन्होंने मौत को बेहद करीब से महसूस किया। खुद उन्होंने ये किस्से बताए थे। बकौल अमर सिंह, एक बार वो दुबई की फ्लाइट में थे, उसी वक्त उनका शुगर लेवल इतना कम हो गया था कि वो फ्लाइट में ही कोमा में चले गए थे।
दूसरी बार उन्होंने तब मृत्यु को करीब से देखा जब वो हेलीकॉप्टर से गिर गए थे। इसके अलावा जब उनके दोनों गुर्दे खराब हो गए, तब भी उन्हें एहसास हुआ कि अब ज्यादा दिन नहीं चल पाएंगे। आपको बता दें कि लंबे समय तक बीमारी से जूझने के बाद बीते साल अगस्त में अमर सिंह का देहांत हो गया था।