बॉलीवुड एक्टर विवेक ओबेरॉय फिल्मों में कम ही नजर आते हैं। लंबे समय के बाद एक्टर को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई सीरीज ‘इंडियन पुलिस फोर्स’ में सिद्धार्थ मल्होत्रा और शिल्पा शेट्टी के साथ देखा गया था। इसमें उनके अभिनय को काफी सराहा गया था। लेकिन, अब वो फिल्मों से ज्यादा बिजनेस में एक्टिव रहते हैं। उन्होंने बिजनेस को ही अपनी जिंदगी का मेन फोकस बना लिया। 20 साल तक फिल्मों में करने वाले एक्टर एंटरप्रेन्योरशिप में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में अब एक्टर ने बताया कि उन्होंने एक साल में 12 कंपनियों के लिए करीब 8500 करोड़ का फंड जुटाया। उनकी दो कंपनियों के IPO भी आने वाले हैं। विवेक ने कहा कि वो फिल्मों पर ही निर्भर नहीं रहना चाहते हैं।
दरअसल, विवेक ओबेरॉय ने सीएनबीसी टीवी 18 से बात की और इस दौरान अपने बिजनेस और कमाई के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि वो बचपन से ही बिजनेस माइंडेड थे। उनके पिता सुरेश ओबेरॉय को देखकर उन्होंने बहुत कुछ सीखा है। एक्टर ने बताया कि उनके पिता हमेशा से ही इन्वेस्टर रहे हैं। वो जमीन-खरीदते और बेचते थे। इससे वो अच्छा खासा पैसा कमाते थे। विवेक बताते हैं कि उनका जमीन से पहला परिचय तब हुआ जब वो 9-10 साल के थे। वो अचानक कोई सामान घर लेकर आ जाते थे जैसे कभी परफ्यूम, कभी इलेक्ट्रॉनिक्स। वो बैग भरकर घर-घर जाकर इसे बेचते थे।
फिल्म इंडस्ट्री को लेकर क्या बोले विवेक?
विवेक कहते हैं कि उनके पिता दिन के आखिरी में उनसे खाता बुक मांगते थे और मुनाफा रखने के लिए कहते थे लेकिन खर्च हुआ पैसा वापस मांग लेते थे। विवेक ने आगे फिल्म इंडस्ट्री को लेकर कहा कि कुछ साल काम करने के बाद उनको लगा कि वो जहां थे वहीं के वहीं हैं। उनको ये सब अच्छा नहीं लग रहा था। ये अनुभव उनको मजबूत नहीं बना रहा था। उन्हें कुछ लोगों के साथ काम करना अच्छा लगा, लेकिन उनका मानना है कि असली कोलैबोरेशन वही होता है, जिसमें सामने वाला टैलेंट को मौका दे, सलाह दे या सपोर्ट करे।
एक साल में कमा लिए 8500 करोड़
विवेक ओबेरॉय ने कहा कि इंडस्ट्री में ये सब काफी हद तक गायब था। वो कहते हैं कि या तो वो नेगेटिव सोच के दलदल में गिरते चले जाते या फिर उसी दरवाजे से सिर मारना बंद करके कोई नया दरवाजा खोल लेते। उन्होंने वही किया। एक्टर कहते हैं कि उन्हें मोटा पैसा इन्वेस्ट करने में कोई समस्या नहीं है। उनकी सभी कंपनियों ने पिछले साल मिलकर एक बिलियर डॉलर से ज्यादा कमाया है। एक बिलियन डॉलर के हिसाब से ये इंडियन करंसी में 8500 करोड़ है। वो कहते हैं कि ये कोई छोटा अमाउंट नहीं है। लेकिन असली बात ये है कि इसे सही दिशा में इन्वेस्ट कैसे करें और ग्रोथ को कैसे सुरक्षित रखें। विवेक कहते हैं कि इसमें कहीं ना कहीं सिलिकॉन वैली की सोच और मारवाड़ी माइंडसेट का मेल जरूरी है।