देश के चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमना भारत में मौजूदा हालात को लेकर लगातार अपने विचार रखते आए हैं। अब एक बार फिर उन्होंने शनिवार को कहा कि अंधाधुंध गिरफ्तारी से लेकर मुश्किल से जमानत मिलने तक, हमारी न्याय प्रणाली विचाराधीन कैदियों की कैद अवधि लंबी कर रही है और इस पर जल्द ध्यान देने की जरूरत है। अब इस पर फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने तंज कसा है।
विवेक अग्निहोत्री ने कही यह बात: द कश्मीर फाइल्स फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमना के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है? अगर चीफ जस्टिस ही शिकायत करने लगें तो तो यह आम आदमी के लिए निराशाजनक स्थिति है।
लोगों ने दी प्रतिक्रियाएं: फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री के इस ट्वीट पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि कुछ लोग प्रोपेगैंडा फैला कर भी मुनाफ़ा कमा रहे हैं,तो इस कारण से भी मदद नहीं कर पा रहे है। प्रेणना नाम की यूजर ने लिखा कि सरकार शिकायत करती है। न्यायपालिका शिकायत करती है। लोग पीड़ित हैं। यथास्थिति बनी हुई है। जवाबदेही के बिना सत्ता की वर्तमान प्रणाली अत्यंत हानिकारक है। न्यायपालिका केवल ऊंचे पद से बात करना जानती है, उद्धार नहीं। न्यायपालिका की स्थिति चाहे जो भी हो, उनमें से प्रत्येक CJI बन जाएगा।
दामोदर नाम के यूजर ने लिखा कि औसत न्यायालय कार्य दिवस एक वर्ष में लगभग 200 दिन होते हैं अधिकांश न्यायालय ग्रीष्मकालीन अवकाश की ब्रिटिश प्रणाली का पालन करते हैं। यदि न्यायालय वर्ष में लगभग 300 दिन कार्य कर सकें तो समस्याओं को कम किया जा सकता है। राहुल नाम के यूजर लिखते हैं कि हमारी न्यायपालिका जिस दुर्दशा का सामना कर रही है, उस पर ध्यान देना किसका कर्तव्य है? जनता, नहीं। यह आप ही हैं जो जिम्मेदार हैं, महोदय, आप अपेक्षा से बहुत कम कर रहे हैं।
न्यायधीश की आलोचना पर बिफरे गहलोत: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जजों के लिए कहा कि न्यायाधीशों और नौकरशाहों को सेवानिवृत्ति के बाद की महत्वाकांक्षा के बारे में चिंतित होने की जगह देश की सेवा के लिए काम करना चाहिए। अगर कोई मुख्यमंत्री, विधायक, सांसद या जज बनता है, तो उसे देश की सेवा करने का मौका मिला है, उसे ऐसा करने पर गर्व होना चाहिए।