देश में राष्ट्रीय भाषा को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। साउथ एक्टर किच्चा सुदीप के ट्वीट पर अजय देवगन ने जवाब दिया और अब तमाम लोग इस पर अपनी राय रख रहे हैं। अभिनेत्रो कंगना रनौत ने संस्कृत को राष्ट्रीय भाषा बनाए जाने की बात कही तो अब फिल्म द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर ने भी बाबा साहेब का हवाला देते हुए ट्वीट किया है।
अखबारों की कटिंग शेयर करते हुए विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर लिखा कि “क्या आप जानते हैं कि डॉ बीआर आंबेडकर और नजीरुद्दीन अहमद ने संस्कृत को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने का प्रस्ताव दिया था? क्या हमने अंबेडकर की बुद्धिमानी की मांग को नहीं मानकर एक गलती की? चर्चा करना।”
अर्जुन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अंग्रेजी हमारी राष्ट्रीय भाषा होनी चाहिए, यह पूरे भारत को एकजुट करती है और व्यापार की भाषा है।’ अमित शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘संस्कृत और तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से हैं। किसी गलती को सुधारने में कभी देर नहीं होती, हम अभी भी इन दोनों महान भाषाओं को अपनी राष्ट्रीय भाषा बना सकते हैं। जबरदस्ती करने की भी जरूरत नहीं है, सकारात्मक प्रोत्साहन मिलेगा।’
अर्थ दूबे नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये जरुर हिंदी भाषा नेताओं ने अड़ंगा लगाया होगा।’ अमित कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि ‘हिंदी को विकसित और बेहतर बनने की जरूरत है। हमें हिंदी को सरल बनाने की जरूरत है। हमें हिंदी में, संस्कृत से और अन्य सभी भारतीय भाषाओं में और शब्दों को जोड़ने की जरूरत है।’
डीएल नारायण नाम के यूजर ने लिखा कि ‘हमारे नेहरू जी ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उनकी धर्मनिरपेक्ष संवेदनाएं आहत हुईं।’ राजीव नयन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘संस्कृत को राजभाषा घोषित कर दो, सारे झगड़े लड़ाई बंद हो जाएंगे। इतनी समृद्धि भाषा है, यह भाषा किसी भी समस्या का समाधान निकाल देगी।’
सुहैब नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सिर्फ इसलिए कि अंबेडकर ने प्रस्ताव रखा था, इसका मतलब यह नहीं है कि इसे तब तक लागू किया जाना चाहिए जब तक कि इसे भारत के लोगों द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता है।’ उमंग नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अच्छा, कितने यूथ संस्कृत बोलते हैं? कुछ तो सोच कर बोला करो, मूवी चल गई तो कुछ भी बोलोगे?”