स्टार क्रिकेटर विराट कोहली ने महज़ 36 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। 12 मई को उन्होंने सोशल मीडिया पर यह ऐलान किया। कोहली चाहते तो एक-दो साल और खेलकर टेस्ट क्रिकेट में 10 हज़ार रन पूरे कर सकते थे, लेकिन उन्होंने इस रिकॉर्ड की परवाह किए बिना संन्यास का फैसला किया।
विराट कोहली के इस फैसले से उनके फैन्स खासे निराश हैं, क्योंकि वे अभी महज 36 साल के हैं और आराम से 3-4 साल और खेल सकते थे। जहां फैन्स सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे हैं, वहीं मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने भी अपनी निराशा जताई है।
जावेद अख्तर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “जाहिर है कि विराट को खुद बेहतर पता है, लेकिन एक फैन के तौर पर मैं टेस्ट क्रिकेट से उनके समय से पहले संन्यास लेने से निराश हूं। मुझे लगता है कि उनमें अभी भी बहुत क्रिकेट बाकी है। मैं उनसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।”
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जावेद अख्तर के ट्वीट पर विराट के फैंस समर्थन जता रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि विराट को अपने संन्यास के बारे में दोबारा सोचना चाहिए। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि विराट ने ये फैसला सोच-समझकर लिया है हमें इसका सम्मान करना चाहिए।
एक यूज़र ने लिखा, ”सम्मानपूर्वक, विराट जैसे दिग्गज जानते हैं कि कब शालीनता से संन्यास लेना है। इसे प्रीमैच्योर कहने के बजाय, आइए उनके अविश्वसनीय टेस्ट सफर का जश्न मनाएं और उनकी टाइमिंग पर भरोसा करें – उन्होंने इतना कुछ हासिल किया है।”
एक यूज़र ने लिखा है, ”मैं आपसे सिर्फ़ एक बार सहमत हूँ सर। वापस आ जाओ विराट कोहली।”
एक यूज़र ने लिखा है, ”मैं भी चाहता हूं कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।”
वहीं एक यूज़र ने लिखा, ”वह 20 बार वापसी करने वाले अफरीदी नहीं हैं, उनमें ईमानदारी है!”
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टेस्ट क्रिकेट से विदाई लेने के बाद विराट कोहली ने सुकून और शांति की राह चुनी। विराट, पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन पहुंचे, जहां उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन किए और अध्यात्म की बातें सुनीं। इस दौरान प्रेमानंद ने उन्हें राधा का नाम जपने की सलाह दी और अनुष्का ने उनसे पूछा कि क्या नामजप से हो जाएगा? प्रेमानंद महाराज से जवाब मिला- ”पूरा, ये मैं अपने जीवन के अनुभव से बताता हूं। नामजप करते रहो और इसी जन्म में भगवतप्राप्ति हो जाएगी। इसमें कोई संशय नहीं।”