पंजाब के पटियाला में शिवसेना कार्यकर्ताओं और खालिस्तानी समर्थकों के बीच हिंसक झड़प के बाद जमकर पत्थरबाजी हुई और तलवारें भी लहराई गईं। इस घटना के बाद पटियाला में तनाव की स्थिति बन गई, स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी। खालिस्तानी समर्थकों के नारेबाजी और उग्र रवैये पर पंजाब सरकार लोगों के निशाने पर आ गई है।
फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने घटना का वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा कि “खालिस्तान जिंदाबाद” के नारे? पंजाब में जो देश-विरोधी नारे कई सालों से नहीं सुने गए, वो अब खुलेआम? ये बहुत बहुत बहुत खतरनाक स्थिति है। आपके राज्य में ये सब क्या हो रहा है, अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान? देश को जवाब चाहिए।”
सोशल मीडिया पर अब लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। इजहर हसन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल पर जो आरोप लगे थे, क्या वो सही प्रतीत नहीं हुए?’ इमरान अख्तर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्या डॉ कुमार विश्वास जी का इशारा सही था?’ दिव्या नाम की यूजर ने लिखा कि ‘कुमार विश्वास ने इसे पहले ही बताया था, तब मजाक बनाना अच्छा लगता था।’
आशीष यादव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कुमार विश्वास ने चुनाव के दौरान ही चेताया था, अब जनता ही जनार्दन है, वही जाने।’ अनिल दूबे नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अकाली खुद को बचाने के लिए अपना आखिरी दांव खेलने का प्रयास कर रही है लेकिन पंजाब के लोग उनके इस दांव को सफल नहीं होने देंगे। बीजेपी के साथ मिलकर खेले जाने वाले इस खेल को जनता नकार चुकी है। मुंह की खाएंगे।’
राजेश काम्बले नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इसके जड़ में कौन है, यह जानना बेहद जरूरी है। अब तक शांत रहनेवाला राज्य, ययायक खालिस्तान जिंदाबाद के नारे से गूंज उठे तो यह चिंताजनक है।’ डॉ. आकाश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सांप्रदायिक हिंसा, अप्रासंगिक राजनीतिक बदमाशों के लिए अंतिम उपाय है। कई प्रमुख राजनेताओं के गले में नई सरकार फंदा कस रही है, यही समस्या है!’
गुरजोत सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘हिंदू राष्ट्र समर्थक, खालिस्तान की भावना के खिलाफ मार्च कर रहे थे और स्थानीय स्तर पर सिखों द्वारा उनका सामना किया गया। तब हिंदू राष्ट्र समर्थक ने सिखों पर गोलियां चलाईं और एक सिख गोली लगने से घायल हो गया।’ मानवेन्द्र नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये कट्टरपंथी शांति और शांति में बाधा डालने के लिए जिम्मेदार हैं।’