ज्ञानवापी मस्जिद मामले में फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने प्रधानमंत्री पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने ट्विटर पर कहा है कि ऐसा करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2024 में होने वाले चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। कापड़ी के ट्वीट पर तमाम यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
विनोद कापड़ी ने लिखा,”ज्ञानवापी अचानक नहीं हुआ है। ये साफ-साफ नरेंद्र मोदी की 2024 की तैयारी है। मोदी को पता है कि गरीबी, भुखमरी, महंगाई, मंदी , बेरोजगारी जैसी समस्याओं से मुक्ति के लिए 90% भीड़ को बार-बार एक ही अफीम सुंघाई जा सकती है।”
कापड़ी के ट्वीट पर आलोचक विचारक नाम के यूजर ने लिखा,”आपको कितना वक्त हो गया अफीम लेते-लेते,अब तो हेवी डोज लगती होगी?” राज नाम के यूजर ने लिखा,”कपटी कम से कम देश के प्रधानमंत्री को इज्जत से संबोधित करो। तुम जैसे बेकार लोगों को काम मिल गया और क्या चाहिए?”
अजीत हिंदुस्तानी ने लिखा,”क्या आप बेरोजगार हैं? क्या आप भूखे मर रहे हैं? क्या आप साइकिल पर सफर करते हैं? क्या आप बिना सब्जी के सुखी रोटी खाते हैं? यदि ऐसा नहीं है तो ज्ञान देने का कष्ट न करें।” गरीबों नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया,” जब 90% भीड़ ज्ञानवापी की खुदाई चाहती है तो तू क्यू काजी बना घूम रहा है?”
सृष्टी कुलकर्णी नाम की यूजर ने लिखा,”2024 तो पक्का है, उसके लिए मोदी को कुछ नहीं करना है। जरूरत है तो विपक्ष को ये सोचने की कि मोदी के सामने दूसरा कौन है जो टक्कर का है। बेरोजगारी का तो ऐसा है कि कई सरकारे आ जाए कभी नहीं जाएगी। जिसको काम करना होता है वो कहीं ना कहीं, कुछ ना कुछ कर ही लेता है।”
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी के एक कोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी कैंपस का सर्वे कराने के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को पक्षपात के आरोप में हटाने की याचिका को खारिज कर दी है। कोर्ट ने साफ कहा कि इस मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इसके साथ ही पूरे कैंपस परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
क्यों हो रहा ये सर्वे?बता दें कि वाराणसी का श्रृंगार गौरी का मंदिर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मौजूद है। जिसके लिए पिछले साल अगस्त में रेखा पाठक, सीता साहू, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास और राखी सिंह नाम की पांच महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने ऋंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा अर्चना की अनुमति की अपील की थी। इस मामले में वाराणसी सिविल कोर्ट ने 26 अप्रैल को आदेश जारी किया। जिसमें 6 और 7 मई को दोनों पक्षों की मौजूदगी में श्रृंगार गौरी मंदिर का सर्वे करने को कहा गया।