बहुमुखी अभिनेता विनय पाठक उन लोगों की तारीफ करते हैं जिन्होंने व्यावसायिक फिल्मों को महान बनाया है, लेकिन उनका कहना है कि वे अपने आप को ‘पेड़ों के इर्द-गिर्द दौड़ने’ के लिए उपयुक्त नहीं समझते।

विनय ने बताया, “मैं सचमुच व्यावसायिक सिनेमा नहीं करता। इसलिए नहीं कि मैं अपने आप को उनसे ऊपर या कुछ और समझता हूं। बल्कि मैं सोचता हूं कि मैं उस सिनेमा का हिस्सा बनने के लिए नामुनासिब हूं, जहां मुझे नकलीपन महसूस होता है। मुझे यह असली प्रतीत नहीं होती.. पेड़ों के इर्द-गिर्द दौड़ना।”

उन्होंने  कहा, “जो लोग इसे खूबसूरती से करते हैं, उन्हें मैं सचमुच बहुत पसंद करता हूं। यह एक कला है। यह एक कौशल है और हर कोई ऐसा नहीं कर सकता है।”

विनय ने कहा कि वे ‘जॉनी गद्दार’ के निर्देशक श्रीराम राघवन के बहुत बड़े प्रशंसक हैं, जिन्होंने वाणिज्यिक जगह में ऐसी फिल्में बनाई है, जो पूरी तरह से वाणिज्यिक नहीं दिखती।

उन्होंने कहा, “कुछ वाणिज्यिक फिल्मों को छोड़ दें तो मैं ‘दास्विदानिया’, ‘चलो दिल्ली’, ‘जॉनी गद्दार’, ‘मनोरमा सिक्स फीट अंडर’ के लिए जाना जाता हूं। श्रीराम अभी भी मुझे अपनी फिल्मों में खींच लेते हैं और मुझे उनके साथ काम करना पसंद है।”

48 वर्षीय अभिनेता ने कहा, “ऐसा दिखता है कि वे वाणिज्यिक सिनेमा बनाते हैं। लेकिन मैं सोचता हूं कि ऐसा नहीं है. और यही फिल्म निर्माण की खूबसूरती है और मुझे यह पसंद है।”

इस दौरान वे आलोचकों द्वारा प्रशंसित फिल्म ‘आईलैंड सिटी’ में नजर आनेवाले हैं, जिसका निर्देशन रुचिका ओबेरॉय ने किया है। इसका बर्ल्ड प्रीमियर 72वें वेनिस फिल्म फेस्टिवल में किया गया, जहां इसने बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर के लिए फेडोरा (फेडरेशन ऑफ फिल्म क्रिटिक्स ऑफ यूरोप एंड मेडिटेरेनियन) पुरस्कार जीता।

इस फिल्म में तनीशा चटर्जी भी है और यह दो सितंबर को रिलीज हो रही है।