अगले साल विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां अभी से तेज़ हैं। बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार चुनावों के मद्देनजर अपनी स्थिति मजबूत करने में लग गई है। मंगलवार को योगी आदित्यनाथ 4 सालों में पहली बार डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे जिसे लेकर खूब बातें हुईं। इधर योगी सरकार के राज्य कैबिनेट में संभावित फेरबदल की भी खबरें आ रही हैं। इसी घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने तंज़ किया है।
आईपी सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, ‘लगता है, उत्तर प्रदेश भाजपा पहली ऐसी पार्टी बनेगी जो चुनाव से पहले ही मंत्रालय का बंटवारा करेगी और चुनाव के बाद दर्द और दुखों का।’
गौरतलब है कि सीएम योगी के खिलाफ पार्टी में असंतोष भी देखने को मिला जिसके बाद अटकलें ये भी लगाई गईं कि अगले चुनाव में योगी सीएम का चेहरा नहीं हो सकते हैं। बीजेपी की तरफ से यह कहा गया है कि पार्टी अगला विधानसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी लेकिन इस बीच कुछ विरोधाभासी बयान भी सामने आए हैं।
लगता है उत्तरप्रदेश भाजपा पहली ऐसी पार्टी बनेगी जो चुनाव से पहले ही मंत्रालय का बँटवारा करेगी और चुनाव के बाद दर्द और दुखों का।
— I.P. Singh (@IPSinghSp) June 23, 2021
रविवार को भाजपा मुख्यालय पहुंचे राज्य के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री तय करेगा।
आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नेतृत्व के बीच पिछले कुछ समय से अनबन की खबरें आ रही थीं। योगी आदित्यनाथ के खिलाफ यूपी भाजपा के कई नेताओं ने निजी तौर पर कोविड से निपटने को लेकर चिंता और असंतोष जाहिर किया था। अप्रैल में राज्य के कानून मंत्री बृजेश पाठक का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसमें वो कोविड से निपटने को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठा रहे थे। इसके बाद योगी आदित्यनाथ गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा आदि नेताओं से मिले थे।
इधर समाजवादी पार्टी की बात करें तो, अखिलेश यादव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस बार उनकी पार्टी चुनाव में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। उनका कहना है कि उनकी पार्टी इस बार छोटी पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।