मकड़ीमैन यानी ‘स्पाइडर मैन’ के जाल में इस समय दो हिंदी फिल्में ‘83’ और ‘जर्सी’ फंसी नजर आ रही है। 16 दिसंबर को रिलीज हालीवुड फिल्म ‘स्पाइडर मैन’ दुनिया भर में धूम मचा रही है। यह अब तक 600 मिलियन डालर का कारोबार कर चुकी है। भारत में इसके प्रचार के कारण फिल्म के जल्दी टिकट नहीं मिलने से लेकर पहले दिन 32 करोड़ 67 लाख के एकत्रण की खूब चर्चा है। ‘स्पाइडर मैन’ की लोकप्रियता सात दिनों में रिलीज हो रही ‘83’ और ‘जर्सी’ का कारोबार प्रभावित करेगी। दूसरी ओर सात जनवरी से रिलीज होने जा रही ‘आरआरआर’ भी दोनों फिल्मों के व्यवसाय पर असर डालेगी। एक तरह से ‘83’ और ‘जर्सी’ फंस गई हैं ‘स्पाइडर मैन’ और ‘आरआरआर’ के बीच।

हालीवुड की 16 दिसंबर को रिलीज हुई ‘स्पाइडर मैन’ ने भारत में पहले दिन 32 करोड़ 67 लाख का कारोबार कर साबित किया है कि दर्शक सिनेमाघरों में आने के लिए तैयार हैं। बावूजद इसके अनुमान यह था कि यह पहले दिन 40 करोड़ का कारोबार करेगी। इससे पहले ‘एवेंजर्स : एंडगेम’ पहले दिन 53 करोड़ रुपए (भारत में कुल कारोबार 373 करोड़) का एकत्रण कर अब तक नंबर एक पर है। अगर ध्यान से देखेंगे तो समझ जाएंगे कि ‘स्पाइडर मैन’ के टिकट खिड़की पर एकत्रण के जो आंकड़े दिए जा रहे हैं वे इसके चार संस्करणों-अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगु- के हैं। यानी चार फिल्मों का पहले दिन का कारोबार 32 करोड़ 67 लाख था। मगर किस संस्करण ने कितना एकत्रण किया और मार्बल पिक्सर्च के साथ कोलंबिया पिक्चर्स द्वारा बनाई गई यह सुपर हीरो फिल्म किस संस्करण में मजबूत या कमजोर रही, इसके आंकड़े नहीं मिलेंगे।

प्रचार तंत्र के दबाव में हिंदी फिल्म निर्माता बेचैन हैं। उनकी बेचैनी यह है कि अगर फिल्म सिनेमाघरों में जमी रही, तो उन्हें अपनी फिल्में दिखाने के लिए खाली सिनेमाघर कैसे मिलेंगे। विश्वकप क्रिकेट की पृष्ठभूमि पर बनी ‘83’ और शाहिद कपूर की ‘जर्सी’ के निर्माता अपनी फिल्मों को लेकर चिंतित हैं। उन्हें लगता है कि ‘स्पाइडर मैन’ की लोकप्रियता का ग्रहण उनकी फिल्मों पर न लग जाए। ‘स्पाइडर मैन’ की लोकप्रियता के दबाव में हो यह रहा है कि हिंदी फिल्मों के निर्माता अपनी अपनी फिल्मों को रिलीज करने के लिए थियेटर जुटाने की रणनीति बना रहे हैं।

16 दिसंबर को रिलीज हुई ‘स्पाडर मैन’ अगर टिकट खिड़की पर दो हफ्ते भी चलती है तो ‘83’ और ‘जर्सी’ को कम सिनेमाघर खाली मिलेंगे। ऐसी स्थिति में जो होता है, वही हो रहा है। रिलायंस एंटरटेनमेंट समेत सात निर्माताओं द्वारा बनाई गई ‘83’ के वितरक ने सिनेमा मालिकों को अच्छे से समझाना शुरू कर दिया है कि जो सिनेमाघर उनकी ‘83’ नहीं दिखाएगा, उसे जनवरी में रिलीज होने जा रही ‘आरआरआर’ भी दिखाने को नहीं मिलेगी। ‘आरआरआर’ पांच भाषाओं में बनी फिल्म है और ‘बाहुबली’ बनाने वाले राजमौलि इसके निर्देशक हैं।

सिनेमाघर ‘आरआरआर’ दिखाना फायदे का सौदा मान रहे हैं और जो इसे अपने सिनेमाघर में दिखाना चाहता है उसे ‘83’ के वितरक की बात मान कर अपने सिनेमाघर से ‘स्पाइडर मैन’ हटा कर ‘83’ रिलीज करनी पड़ेगी। दो बड़ी फिल्में टकराती हैं तो इस तरह के खेल खेले जाते हैं। अजय देवगन को ‘सन आफ सरदार’ रिलीज के दौरान इसी स्थिति से गुजरना पड़ा था और उन्होंने यशराज फिल्म पर आरोप लगाया था कि उसकी मोनोपाली से उनकी फिल्म को बहुत कम सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर मिल रहे हैं।