CBSE बोर्ड ने पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किए तो इस पर विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं तो कुछ समर्थन दे रहे हैं। गीतकार मनोज मुंतशिर ने समर्थन देते हुए ट्वीट किया तो विवाद खड़ा हो गया। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने मनोज की आलोचना की तो तो समर्थन में खड़े हुए लोगों की भी कमी नहीं थी।

कहां से शुरू हुआ विवाद?: मनोज मुंतशिर ने ट्विटर पर लिखा कि “बाएं हाथ वाले शौक से हम पर पत्थर फेंकते रहें, हम अपने हिस्से की लड़ाई लड़ते रहेंगे और जीतते रहेंगे। बधाई साथियों, हमारे बच्चों को मुगली घुट्टी से मुक्ति मिल रही है। ये लड़ाई दूर तक लड़नी है, साथ रहियेगा।” इसके साथ मनोज ने एक तस्वीर शेयर की जिसमें सीबीएसई के पाठ्यक्रम में हुए बदलाव की जानकारी दी गई थी। इसी ट्वीट पर तेजस्वी यादव के करीबी कहे जाने वाले आकाश ने जवाब दिया तो दोनों के बीच ट्विटर पर भिडंत हो गई।

मनोज मुंतशिर के इस ट्वीट पर आरजेडी के सोशल मीडिया कन्वेनर आकाश ने जवाब देते हुए लिखा कि “फलाने का बच्चा कभी न सच्चा, अगर सच्चा तो दोगले का बच्चा। वही फलाने का बच्चा हो तुम मनोज शुक्ला। एक ओर बाएं-दाएं हाथ का जहर उगलते हो और दूसरी ओर उर्दू टाइटल लगाकर साहिर लुधियानवी की परछाइयां गाते हुए यूट्यूब चैनल पर सब्सक्राइबर बहुत कम हैं, बढ़ाइए की भीख (जन्मजात पेशा) मांगते हो।”

मनोज ने इस पर जवाब देते हुए लिखा कि “ब्राह्मण को भिखारी कहने वाले दो कौड़ी के अनपढ़ मनुष्य, कुछ ब्राह्मणों के नाम गिनवा रहा हूं, शर्म आए तो पूरी विप्र जाति से क्षमा मांग लेना। परशुराम, द्रोणाचार्य, पोरस, राजा दाहिर, चाणक्य, पेशवा बाजीराव,मंगल पाण्डे, तात्या टोपे, चंद्रशेखर तिवारी आजाद, कैप्टन मनोज पाण्डे…।” एक और ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि “क्या इस देश में कोई कानून है जो सवर्णों के मान-सम्मान की भी चिंता करे? या हिंदू, सवर्ण, ब्राह्मण सिर्फ इन छुटभैये नेताओं के अपशब्द सुनने के लिए बने हैं? फालोअर्स तुम जैसों के पास होते हैं मुन्ना, हमारे पास फैमिली है, सोशल मीडिया पर 50 लाख साथी हैं, बौरा गए तो बर्बाद कर देंगे।”

सोशल मीडिया पर लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। विशाल मिश्रा ने आकाश को जवाब देते हुए लिखा कि ‘आप अपने जन्मजात पेशे के बारे में चर्चा करें तो अधिक बेहतर होगा क्योंकि किसी अन्य के विषय में आपका ज्ञान सही नहीं है। बाकी आपको अगर मनोज मुंतशिर से कोई समस्या है तो सिर्फ उनकी बात करें। उनके परिवार, समाज पर टिप्पणी आपकी जातिवादी चिढ़ वाली मानसिकता को प्रदर्शित कर रही है।’

पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने लिखा कि ‘ये आरजेडी के सोशल मीडिया कन्वेनर हैं, इनको ट्रेनिंग ही दी जाती है गाली गलौज करने की। जाहिलों को तार्किक जवाब देंगे तो भी इन्हें समझ आने वाला कुछ है नहीं।’ मीणा कोटवाल ने लिखा कि ‘अरे मनोज शुक्ला, बौराइए नहीं, सिंपल तरीका है, श्राप दे दीजिए और एक ही बार में भस्म कर दीजिए! और यह बताइए कि आप मनोज शुक्ला होकर उर्दू शब्द मुंतशिर क्यों लगाते हैं? दिनरात मुस्लिम विरोधी ट्वीट करते हैं फिर अपने नाम में उर्दू शब्द का इस्तेमाल भी करते हैं? आपकी पॉलिटिक्स क्या है?

दीपक नाम के यूजर ने लिखा कि ‘उर्दू पर किसी का कॉपीराइट है क्या? आप भी वे सारे शब्द लिखना बंद कर दीजिए जो संस्कृत से आए हैं।आप का नाम मीना भी संस्कृत के मीन शब्द से बना है।अगर ब्राह्मण विरोध करना है तो संस्कृत शब्द से बना अपना नाम बदलिए। अच्छा संदेश जाएगा।’ संदीप सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जो लड़ाई लड़नी चाहिए लोकतंत्र और संविधान बचाने कि उसको लड़ने में तो शर्म आती है तुम लोगों को! इतिहास मिटाना कोई लड़ाई नहीं है बुजदिली है। हिम्मत है तो लड़ाई लड़ो, रोजी-रोटी की, रोजगार की, स्वास्थ्य की, सड़क की, नाली की, घर की, गरीब की।’

 बता दे कि सीबीएसई बोर्ड ने कक्षा 10 और 11 के इतिहास एवं राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से कुछ बदलाव किए हैं। जानकारी के अनुसार, इन पाठ्यक्रमों में से अब गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीतयुद्ध के दौर, अफ्रीकी एवं एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्य के उदय, मुगल दरबारों के इतिहास समेत औद्योगिक क्रांति से संबंधित अध्याय को हटाने का फैसला लिया गया है। इस पर मनोज मुंतशिर ने ट्वीट किया था जिसके बाद ये बहस शुरू हो गई.