गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा पर बॉलीवुड एक्टर रणवीर शौरी का बयान सामने आया है। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा। शौरी ने कहा कि सरकार के विरोध में अंधे नेता देश भी जलाने को तैयार हो गए हैं। रणवीर ने अपनी पहली पोस्ट में कहा, ‘सबसे बड़ी ट्रैजेडी है कि इस प्रोटेस्ट का समर्थन करने वाले तमाम नेताओं में से किसी ने भी हिंसा की निंदा नहीं की। सिर्फ इस सरकार को शर्मिंदा करने के लिए, ये सब देश को जलाने के लिए भी तैयार हैं।’
रणवीर ने अपने अगले ट्वीट में कहा- किसानों को केवल शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है, न कि बर्बरता और हिंसा करने का। यह निर्वाचित सरकार है और इसे विधायी सुधार का अधिकार है। अपनी अगली पोस्ट में रणवीर ने कहा, जरा इनके पाखंड को तो देखें, गणतंत्र दिवस पर हिंसा और दंगा केवल अतिवादियों द्वारा किया गया था। ये पूरे आंदोलन को दोष नहीं देते हैं, लेकिन अगर कोई दक्षिणपंथी फ्रिंज समूह, लिंचिंग या दंगा करे तो पूरी भाजपा-आरएसएस को ही दोषी मानते हैं।
रणवीर शौरी की बात पर कई यूजर्स सहमति जताते दिखे तो कई विरोध में भी उतर आए। एक यूजर ने लिखा- दोनों, योगेंद्र यादव और राहुल गांधी ने इस घटना की निंदा की। वास्तव में क्या हो रहा है उससे उन्हें मतलब नहीं। एक यूजर ने कहा- क्या होम मिनिस्ट्री इतनी निकम्मी है कि इस घटना को काबू नहीं कर पाई?
द लास्ट सिटीजन नाम के अकाउंट से कमेंट आया, आज लाल किले पर उपद्रवियों द्वारा उस तिरंगे का अपमान किया गया, जिसे लाल किले पर शोभित करने के लिए सदियों संघर्ष हुए एवं लाखों शहीद हुए। आज भी हो रहे हैं। इस घटना से मेरे जैसे करोड़ों देशवासी गहरी पीड़ा से गुजर रहे हैं।
What’s more tragic is none of the political leaders supporting these protests are condemning this violence. In their desperation to embarrass this govt. they are willing to burn the country to the ground. #shame #FarmersProstests https://t.co/4RTxqOsyq4
— Kalpesh Patel (@RanvirShorey) January 26, 2021
एक यूजर ने लिखा, अरे ये किसान नहीं हैं, ये तो खालिस्तानी हैं। एक यूजर ने कहा- इनका मकसद है कि चमकते भारत को मिट्टी में मिलाना। तो किसी ने लिखा, अरे इस कांग्रेस ने तो शुरू से ही देश को डुबोया है। चार्लिस नाम के अकाउंट से कमेंट किया गया, उन्होंने महीनों तक शांतिपूर्वक विरोध किया, लेकिन सरकार नहीं सुन रही थी। इसलिए किसानों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। आप अपने पैसे और अभिनय से अर्जित प्रसिद्धि का उपयोग किए बिना एक वर्ष के लिए खेती करेंगे तो आप समझ जाएंगे।