फिल्म हासिल में अपने शानदार काम से चर्चा में आए दिवंगत अभिनेता इरफान खान इस भूमिका के लिए पहली पसंद नहीं थे। तिग्मांशु धूलिया ने हाल ही में एक बातचीत में बताया कि वो इस रोल के लिए मनोज बाजपेयी को लेना चाहते थे। मनोज को साल 1998 की फिल्म सत्या में उनके काम के लिए काफी लोकप्रियता मिली थी। मगर जब ये रोल मनोज बाजपेयी के पास गया तो निगेटिव रोल की वजह से उन्होंने ये रोल करने से मना कर दिया और फिर ये ऑफर इरफान खान के पास गया।

मैशेबल इंडिया के साथ हाल ही में एक इंटरव्यू में तिग्मांशु धूलिया ने अपनी पहली फिल्म के बारे में बात की। हासिल में इरफ़ान की कास्टिंग के बारे में बात करते हुए, अभिनेता-निर्देशक-लेखक ने कहा, “यह एक सिर्फ संयोग था। मैं अपनी पहली फिल्म बनाना चाहता था और इरफ़ान मेरे दोस्त थे। यह सब नियति थी। इसमें कोई साजिश या चालबाज़ी नहीं थी।” उन्होंने आगे कहा, “ईमानदारी से कहूँ तो, हासिल के लिए मैंने सबसे पहले जिस व्यक्ति से संपर्क किया, वह इरफ़ान खान नहीं थे, बल्कि मनोज बाजपेयी थे। यह बहुत कम लोग जानते हैं। सत्या रिलीज़ होने तक मनोज बाजपेयी एक स्टार बन चुके थे। मैं उनसे भी दोस्त था। हम सभी पूरे दिन एक साथ घूमते थे।”

मनोज को भूमिका के लिए संपर्क करने के पल को याद करते हुए, तिग्मांशु ने कहा, “जब मैंने हासिल के लिए मनोज से संपर्क किया, तब वह घात की शूटिंग कर रहे थे। मैंने उन्हें हासिल की कहानी सुनाई। लेकिन मनोज ने कहा कि वह खलनायक की भूमिका नहीं निभाएँगे। उनके मना करने के बाद ही मैंने इरफ़ान से संपर्क किया।” मनोज को अपनी पहली पसंद क्यों बनाया गया, इसका खुलासा करते हुए, फिल्म निर्माता ने कहा, “मैं उस समय काफी स्वार्थी था। चूंकि मनोज पहले से ही एक स्टार थे, इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं उन्हें फिल्म करने के लिए मना लूंगा, तो मुझे निर्माता भी मिल जाएंगे। और फिल्म आसानी से बन जाएगी।”

जिमी शेरगिल, हृषिता भट्ट और राजपाल यादव अभिनीत इस फिल्म को पॉजिटिव रिव्यूज मिले थे। ये फिल्म करना इरफान खान के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने फुटपाथ, मकबूल और लाइफ इन ए मेट्रो जैसी फिल्मों में काम किया।