The Taj Story Film Review in Hindi: परेश रावल की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘द ताज स्टोरी’ आखिरकार रिलीज हो गई है। ये महज एक फिल्म नहीं है, बल्कि इतिहास की गाथा है जो भारत के गौरव ताजमहल पर आधारित है। ये इतिहास की सच्चाई को उजागर करने की कहानी पर आधारित एक न्यायिक ड्रामा है, जिसका निर्देशन तुषार अमरीश गोयल ने किया है और परेश रावल ने इसमें विष्णुदास का किरदार निभाया है, जो एक टूर गाइड है।
क्या है फिल्म की कहानी
फिल्म के ट्रेलर में जो कहानी समझ आई थी, उसी के बाद से देशभर में हलचल शुरू हो गई थी। 2 मिनट 58 सेकंड के दमदार ट्रेलर ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा था। फिल्म में विष्णुदास यानी परेश रावल को ताजमहल के इथिहास पर सवाल खड़े करते हुए कानूनी जंग लड़ते हुए दिखाया है। फिल्म की कहानी ताजमहल के नीचे मौजूद 22 कमरों के रहस्य और उसके ऐतिहासिक डीएनए पर है आधारित है। फिल्म में विष्णुदास इस मुद्दे पर कानूनी जंग लड़ रहा है कि ताजमहल महज एक प्रेम की निशानी नहीं, बल्कि इतिहास का एक अनसुलझा सवाल है।
कैसा है फिल्म का निर्देशन?
तुषार अमरीश गोयल के निर्देशन की सराहना की जा रही है। उन्होंने निडर, संतुलित और प्रभावशाली ढंग से इस फिल्म को बड़े पर्दे पर उतारा है। फिल्म की स्क्रिप्ट कोर्ट रूम ड्रामा की गंभीरता को ध्यान में रखकर लिखी गई है। फिल्म का निर्माण सीए सुरेश झा ने किया है और इसके क्रिएटिव प्रोड्युसर विकास राधेश्याम हैं। फिल्म का म्यूजिक काफी दमदार है, जिसमें कैलाश खेर और जावेद अली की आवाज ने जान डाल दी है। सत्यजीत हाजर्निस ताजमहल को बड़े ही भव्य ढंग से कैप्चर किया है, जिसके लिए उनकी सिनेमैटोग्राफी की तारीफ हो रही है।
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परेश रावल ने विष्णुदास के किरदार में अपने हुनर से जान डाल दी है। एक आम आदमी दमदार किरदार को उन्होंने बेहद सहजता से स्क्रीन पर पेश किया है। उनके सा-साथ जाकिर हुसैन ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है। वहीं, अमृता खानविलकर और नमित दास ने सहायक किरदारों में अपनी परफॉर्मेंस से दिल जीत लिया है। उनके साथ ही अखिलेंद्र मिश्रा, बिजेंद्र काला, शिशिर शर्मा और अनिल जॉर्ज जैसे अनुभवी अभिनेता भी फिल्म का हिस्सा हैं।
फिल्म को लेकर हुए विवाद
फिल्म के ट्रेलर के रिलीज होने के बाद से ही इसे लेकर विवाद खड़े हो गए थे। इसके खिलाफ कई याचिका दायर हुई और इसे बैन करने की मांग भी की गई। हालांकि हाईकोर्ट ने इसकी सुनवाई से इनकार कर दिया और तर्क दिया कि कोर्ट इतिहास को लेकर कोई निर्णय नहीं दे सकती। साथ ही ये भी कहा कि अदालत, सेंसर बोर्ड नहीं है।
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क्यों देखें फिल्म?
अगर आप इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं और कोर्टरूम ड्रामा पसंद करते हैं तो ये फिल्म आपके लिए बेस्ट है। जिसमें केवल इतिहास ही नहीं, बल्कि मनोरंजन, प्वाइंट ऑफ व्यू भी दिखाए गए हैं। फिल्म की पूरी टीम ने मिलकर एक कहानी को बड़े ही अच्छे ढंग से बड़े पर्दे पर उतारा है।
क्या है रिव्यू?
भले ही फिल्म को लेकर विवाद हुए, लेकिन इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इससे पहले इतनी ईमानदारी से किसी फिल्म को पेश नहीं किया गया है। फिल्म को सोशल मीडिया पर भी काफी पसंद किया जा रहा है और परेश रावल की एक्टिंग की जमकर तारीफ हो रही है। इंडियन बॉक्स ऑफिस से लेकर विश्वजीत पाटिल तक ने इस फिल्म को 4 स्टार रेटिंग दी गई है।

