Annabelle real doll: अगर आप हॉरर फिल्में (Horror Movies) देखने के शौकीन हैं और हॉलीवुड की फिल्में देखते हैं तो आपने एनाबेल (Annabelle) का नाम आपने जरूर सुना होगा, आपने एनाबेल की हॉरर मूवीज भी देखी होंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये एनाबेल कहां से आई? क्या इसकी कहानी असली है? क्या सच में एनाबेल एक भूतिया गुड़िया है? ये सब जानकारी आपको यहां मिलेगी। एनाबेल डॉल एक फेमस मगर भूतिया गुड़िया यानी कि प्रेतबाधित रैगेडी ऐन (Raggedy Ann) मानी जाती है। (रैगेडी ऐन अमेरिकी लेखक जॉनी ग्रुएल द्वारा बनाया गया एक चरित्र है जो छोटे बच्चों के लिए लिखी गई पिक्चर बुक की एक सीरीज में दिखाई दी थी। ये एक कपड़े की गुड़िया है जिसके बाल लाल धागे से बने हैं और नाक तिकोनी है।) इस गुड़िया को पैरानॉर्मल जांचकर्ताओं एड और लोरेन वॉरेन (Ed and Lorraine Warren) के ओक्युल्ट म्यूज़ियम में रखा गया। इस डॉल पर हॉलीवुड में “एनाबेल” फिल्म बनी जो हॉरर फिल्म सीरीज़ “The Conjuring Universe” का हिस्सा है, जिसमें एनाबेल डॉल को मेन विलेन के रूप में दिखाया गया है।

क्या है एनाबेल डॉल का इतिहास?

एड और लोरेन वॉरेन के अनुसार, साल 1970 में एक नर्सिंग स्टू़डेंट को यह रैगेडी ऐन डॉल कहीं से गिफ्ट मिली थी। शुरू में, यह डॉल साधारण सी दिखती थी, लेकिन फिर वह अजीब तरह से व्यवहार करने लगी। भूत-प्रेतों से बात करने का दावा करने वाले एक शख्स ने इस गुड़िया को लेकर कहा कि यह एक मृत लड़की की आत्मा से पजेस्ड है और उस लड़की का नाम एनाबेल बताया गया। जिस नर्सिंग छात्रा को ये डॉल मिली उसने बताया कि ये गुड़िया उसकी जिंदगी में कई भयानक और डरावनी घटनाओं की वजह बनी।

एनाबेल डॉल ने नर्स के साथ क्या किया?

कहा जाता था कि इस गुड़िया ने नर्स और उसकी फ्रेंड को खूब डराया। उनके साथ कई अजीब घटनाएं होने लगीं। जो बातें सामने आईं वो कुछ ऐसी थीं।

जगह बदलती थी एनाबेल

डॉल कभी-कभी एक स्थान से दूसरे स्थान पर खुद-ब-खुद चली जाती थी, और शुरू में दोनों सहेलियां इसे सिर्फ एक “इत्तेफाक” समझ रही थीं।

नोट्स मिलना

एक और घटना के अनुसार, नर्स और उसकी सहेली को डॉल के पास छोटे-छोटे पेपर नोट्स मिलते थे, जिन पर “हेल्प मी” (Help me) और “एनाबेल” जैसे शब्द लिखे होते थे। यह बातें डरावनी और अजीब थीं, डॉल से ऐसे नोट्स मिलने पर उन्हें यकीन हो गया कि ये गुड़िया पजेस्ड है।

भूतिया अनुभव

नर्स और उसकी सहेली ने बताया कि डॉल पास होती तो उन्हें शरीर में कई अनदेखे घाव और रूखापन महसूस होता था। लगता था कि शक्ति उनके आस पास है। कभी डरावनी आवाजें आती तो कभी कमरे में अचानक ठंडी हवा का झोंका आ जाता। ये सब उनके लिए काफी डरावना अनुभव था।

जब एनाबेल ने किया हमला

नर्स और उसकी फ्रेंड ने दावा किया कि एक बार जब वे डॉल को कमरे में छोड़कर बाहर जा रही थीं, तो डॉल खुद-ब-खुद कमरे में किसी वस्तु को गिरा देती थी, या किसी परछाई के रूप में बदल जाती थी। वहीं एक बार तो डॉल ने अचानक नर्स की दोस्त पर हमला कर दिया था, जिससे उसका शरीर नीला पड़ गया और उसे चोटें आईं।

पैरनॉर्मल शोधकर्ता ने एनाबेल को म्यूजियम में रखा

जब इन घटनाओं ने और अधिक भयावह रूप धारण किया, तो नर्स और उसकी सहेली ने एड और लोरेन वॉरेन से संपर्क किया, जो मशहूर पैरानॉर्मल शोधकर्ता थे। वॉरेन ने अपनी जांच के बाद डॉल को दुष्ट आत्मा से प्रभावित और पजेस्ड माना और इसे अपने ओकुल्ट म्यूज़ियम में एक कांच के बॉक्स में सुरक्षित रखा, ताकि इसे और अधिक खतरा न फैलने पाए।

ओकुल्ट म्यूज़ियम और एनाबेल

वॉरेन का ओकुल्ट म्यूज़ियम जहां पर यह डॉल रखी गई थी, वो मोनरो, कनेक्टिकट में था। इस म्यूज़ियम में तरह-तरह की भूतिया या भूतों से पजेस्ट चीजें रखी जाती थीं, और एनाबेल उसमें से सबसे ज्यादा पॉपुलर और डरावनी वस्तु मानी गई। हालांकि, बाद में म्यूज़ियम को जोनिंग उल्लंघन के कारण बंद कर दिया गया था, लेकिन डॉल को किसी दूसरे स्थान पर कांच के बॉक्स में सुरक्षित रख दिया गया।

अब कहां है एनाबेल?

जब म्यूज़ियम बंद हुआ, तो एनाबेल डॉल को वॉरेन फैमिली के संग्रहालय से यादगार वस्तुओं के तौर पर एक अलग सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया था। यह न्यू इंग्लैंड में किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर रखी गई है मगर इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं है।

असलियत है या सिर्फ साजिश है एनाबेल?

जहां एक तरफ एनाबेल को लेकर दावे इतने मजबूत हैं वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो इस पूरे मामले को एक Hollywood publicity stunt मानते हैं। जोसेफ लेयकॉक, टेक्सास स्टेट विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर और धार्मिक अध्ययन के विशेषज्ञ ने दावा किया कि वॉरेन का संग्रहालय वास्तव में “ऑफ-द-शेल्फ हैलोवीन सामान” से भरा हुआ था और इसे वास्तविकता से ज्यादा एक प्रचार के रूप में प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि एनाबेल के बारे में जो किंवदंतियां सामने आईं उसे हॉलीवुड फिल्मों जैसे “चाइल्ड्स प्ले”, “डॉली डियरस्ट” और “द कंज्यूरिंग” के माध्यम से फैलाया गया।

वहीं, साइंस राइटर शारोन ए. हिल ने वॉरेन और उनकी कथाओं की आलोचना की और कहा कि एड वॉरेन द्वारा बताई गई घटनाओं के बारे में कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वॉरेन के संग्रहालय और एनाबेल डॉल के बारे में जो कथाएँ हैं, वे सिर्फ “पब्लिसिटी स्टंट” हो सकती हैं, और असल में ये कथाएँ उतनी डरावनी नहीं थीं जितनी उन्हें प्रस्तुत किया गया।

हॉरर मूवीज में एनाबेल

वॉरेन की कहानी ने “द कंज्यूरिंग यूनिवर्स” के तहत एक फिल्मी किरदार को जन्म दिया। इस डॉल को साल 2014 की फिल्म “एनाबेल” में दिखाया गया था बाद में इसी किरदार पर आधारित फिल्मों की एक सीरीज़ बनी, जिसमें “एनाबेल: क्रिएशन” (2017), “एनाबेल कम्स होम” (2019) और अन्य फिल्में शामिल हैं।

हालाँकि, इन फिल्मों में डॉल का रूप रैगेडी ऐन जैसा नहीं था, बल्कि उसे एक अलग तरह की सफेद खतरनाक गुड़िया के रूप में दिखाया गया था, ताकि फिल्म में और भी डर पैदा किया जा सके। इन फिल्मों के निर्माता यह भी नहीं चाहते थे कि रैगेडी ऐन के ट्रेडमार्क से जुड़ी कोई समस्या आए, इसलिए उन्होंने डॉल का रूप बदल दिया गया।

सच्चाई क्या है ये तो ऑर्ग्युमेंट का विषय हो सकता है मगर एनाबेल एक ऐसी गुड़िया है जो अपने अजीब और डरावने इतिहास की वजह से चर्चा में रही है और इस पर बनी हॉरर मूवीज ने इसे और लोकप्रिय कर दिया है। ये तो बात हुई एनाबेल की, यहां पढ़िये हॉलीवुड की उस खतरनाक हॉरर मूवी के बारे में जिसमें बाप-बेटी की जोड़ी करती है एक पजेस्ड डेडबॉडी की अटॉप्सी।