एक वक्त था जब ‘सलीम-जावेद’ की जोड़ी किसी भी फिल्मस्टार या डायरेक्टर से बहुत बड़ी मानी जाती थी। सलीम-जावेद ने मिल कर साल 1971 से लेकर 1987 तक साथ में काम किया। इस बीच उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं। कमाल की बात ये थी कि ज्यादातर फिल्मों में अमिताभ बच्चन ने मुख्य किरदार निभाया जिसके बाद अमिताभ बच्चन मेगास्टार बनकर उभरे।
ये अमिताभ बच्चन के करियर का शानदार दौर बन गया था। सलीम जावेद ने अमिताभ बच्चन को जंजीर में काम करने का मौका दिया था। बस इसी फिल्म के बाद से अमिताभ बच्चन की किस्मत खुल गई और वह बॉलीवुड पर छा गए। क्या आप जानते हैं कि फिल्म जंजीर में अमिताभ बच्चन से पहले 4 एक्टरों को विजय के रोल के लिए न सिर्फ चुना गया था बल्कि अप्रोच भी किया गया था?
कपिल शर्मा के शो द कपिल शर्मा शो में लेजेंड राइटर सलीम खान ने इस बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि इस फिल्म के लिए वह एक एक कर 4 सुपरहिट कलाकारों के पास पहुंचे थे। लेकिन फिल्म बाद में अमिताभ की झोली में जा गिरी।
सलीम खान ने बताया था- ‘कई बार आपके पास बहुत अच्छा सब्जेक्ट होता है, जिसमें आपके पास कैरेक्टर होता है। इसमें जमेगा कौन ये आप सोचते हैं। फिर आप उस कलाकार को अप्रोच करते हैं। जब जंजीर की स्क्रिप्ट कंप्लीट हुई तो सबसे पहले मैंने दिलीप कुमार साहब को कॉन्टैक्ट किया था। उन्होंने किसी वजह से फिल्म नहीं की। फिर हमने धर्मेंद्र जी को फिल्म के लिए चुना वो भी किसी वजह से फिल्म नहीं कर पाए। फिर हमने देव आनंद साहब को कहानी सुनाई।’
उन्होंने आगे बताया- ‘ये कहानी हमने देव आनंद साहब को प्राण साहब के घर पर सुनाई थी। उस वक्त देव साहब ने कंधों पर हाथ रख कर कहा कि कहानी बहुत अच्छी है, गजब स्क्रिप्ट है। किसी भी वजह से अगर मैं इनकार करूं तो इसका रिफ्लेक्शन स्क्रिप्ट पर नहीं पड़ना चाहिए। कहानी बहुत अच्छी है विश यू ऑल द बेस्ट।’
सलीम खान ने आगे बताया- ‘इसके बाद मैंने कहानी राजकुमार साहब को सुनाई। उन्होंने इसे सुनकर कहा- ‘जानी ये तो तुम हमारी कहानी ले आए।’ इतने कलाकारों के पास घूमकर आई स्क्रिप्ट सीधा अमिताभ बच्चन के पास जाकर रुकी और फिर 1973 में ये फिल्म सुपरडूपर हिट साबित हुई।
सलीम खान ने राजकुमार का जिक्र करते हुए कहा कि ‘राजकुमार साहब बहुत ही इंट्रस्टिंग आदमी थे। एक फिल्म बन रही थी उल्फत। फिल्म में साधना जी और वहीदा रहमान थीं। उन्होंने उनको खाने पर बुलाया, तो खाना लगने लगा। तो साधना जी ने कहा-राज साहब खाना खाइए। तो राजकुमार बोले- नहीं नहीं आप खाइए। तो सामने सबने कहा अरे कुछ तो खाइए, थोड़ा खाइए। आप खाना तो खाते होंगे ना। इस पर उनका जवाब आया- जानी खाना तो हम खाते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कहीं भी कुछ भी खा लें।’