Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में चंपक चाचा के एक डायलॉग से कॉन्ट्रोवर्सी खड़ी हो गई है। शो के एक डायलॉग को सुन कर राजठाकरे की एमएनएस (MNS) पार्टी के कार्यकर्ता भड़क गए। शो के डायलॉग में कहा गया- ‘मुंबई की आम बोलचाल भाषा हिंदी है।’ बस इसी बात पर MNS ने तारक मेहता का उल्टा चश्मा (TMKOC) के मेकर्स को धमकी दे दी। साथ ही कहा कि शो में जो महाराष्ट्र के कलाकार काम कर रहे हैं उन्हें इस बात पर आपत्ति होनी चाहिए थी। ऐसे में शो के मेकर असित मोदी ने एमएनएस को जवाब दिया है।
शो के प्रोड्यूसर असित ने एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा- मुंबई महाराष्ट्र में है और हमारा महाराष्ट्र की राज्यभाषा मराठी ही है। इस में कोई डाउट नहीं है। मैं भारतीय हूं। महाराष्ट्रियन हूं और गुजराती भी हूं। सारी भारतीय भाषाओं का सम्मान करता हूं जय हिंद।’
बता दें, अमेय खोपकर, अध्यक्ष, महाराष्ट्र नवनिर्माण चित्रपट कर्मचारी सेना (Ameya Khopkar ) ने धमकी देते हुए तारक मेहता शो के मेकर्स को कहा था- ‘मराठी मुंबई की मेन लैंग्वेज है। यह प्रोपोगेंडा खड़ा कर रहे हैं। इन गुजरातियों को रुकना होगा। जो मराठी एक्टर इस शो में काम कर रहे हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए इस तरह के स्टेटमेंट को सपोर्ट करने के लिए।’
मुंबई महाराष्ट्र में है और हमारे महाराष्ट्र की राजभाषा भाषा मराठी ही है. इस में कोई डाउट नहीं है. मैं भारतीय हूँ . महाराष्ट्रियन हूँ और गुजराती भी हूँ. सारी भारतीय भाषाओं का सम्मान करता हूँ. जय हिन्द,
— Asit Kumarr Modi (@AsitKumarrModi) March 3, 2020
बताते चलें, सोशल मीडिया पर यह विडियो सामने आया है जिसमें कैरक्टर चंपक चाचा कहता है, ‘हमारी गोकुलधाम मुंबई में है और मुंबई की कॉमन लैंग्वेज हिंदी है। ऐसे में हम सुविचार हिंदी में लिखते हैं। अगर हमारी सोसायटी चेन्नई में होती है तो हम तमिल में लिखते।’ इस डायलॉग को सुन कर एमएनएस के एक कार्यकर्ता की तरफ से ये ट्वीट सामने आया।
मुंबईची 'आम भाषा' हिंदी नाही, मराठी आहे, हे ह्या सब टीव्हीवाल्यांना मान्य नसेल, तर महाराष्ट्र सैनिकांना त्यांच्या कानाखाली 'सुविचार' लिहावे लागतील! तेसुद्धा मराठीत!
'कानाखाली काढलेले मराठी सुविचार' ह्यांना बरोबर वाचता येतील!! @sabtv pic.twitter.com/tuydzv0kEW— Shalini Thackeray (@ThakareShalini) March 3, 2020
तो वहीं एमएनएस की जनरल सेक्रटरी शालिनी ठाकरे ने भी ट्विटर पर कहा, ‘अगर सब टीवी इस बात को स्वीकार नहीं करता है कि मुंबई की कॉमन लैंग्वेज हिंदी नहीं, मराठी है तो महाराष्ट्र के योद्धाओं सुविचार उनके कानों में लिखना होगा। वह भी मराठी में।’