कई एक्टर्स को लेकर बायोपिक बन चुकी है। लेकिन हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) नहीं चाहते कि उनके जीवन को लेकर फिल्म बने। मिथुन ने कई सुपरहिट फिल्में दी, लेकिन बावजूद इसके उन्हें लगता है उनकी बायोपिक नहीं बननी चाहिए। ये बताते हुए मिथुन का दर्द छलक गया और उन्होंने इसका कारण भी बताया।
मिथुन ने अपने मेहनत के दम पर ये मुकाम हासिल किया है। उनकी फैन फॉलोइंग अब भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस उम्र में भी लोग उनके दीवाने हैं। मिथुन दा इन दिनों सिंगिंग रियलिटी शो ‘सा रे गा मा पा लिटिल चैंप’को जज कर रहे हैं। इस शो के बीते एपिसोड में उन्होंने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद किया और वो भावुक हो गए। मिथुन को लगता है कि जो समय उन्होंने देखा उससे कोई न गुजरे। क्योंकि वो काफी बुरे दिन थे।
रंग को लेकर किया जाता था अपमान
मिथुन ने कहा कि उनके रंग को लेकर उनका अपमान करने की कोशिश की जाती थी। कई सालों तक उनके रंग को लेकर उन्हें अपमानित किया गया। उनके लिए हमेशा से जीवन आसान नहीं था, बल्कि कई दिन ऐसे भी थे, जब उन्हें खाली पेट सोना पड़ता था। कई बार उनके सोने के लिए भी जगह नहीं हुआ करती थी।
मिथुन ने बताया कि उनके पास खाने, रहने और सोने की तंगी थी। वो नहीं जानते थे कि उन्हें खाना नसीब होगा भी या नहीं। वो नहीं जानते थे कि वो कहां सोएंगे। मिथुन ने बताया कि वो कितनी बार फुटपाथ पर सोते थे। मिथुन अपने संघर्ष के दिनों को याद कर काफी भावुक हो गए।
मिथुन को लगता है कि जो संघर्ष उन्होंने अपने जीवन में किया है,उससे लोग प्रेरित नहीं होंगे। उन्हें ये भी लगता है कि उनके जीवन की असली कहानी देखकर लोग मानसिक रूप से टूट जाएंगे। मिथुन ने दर्शकों और अपने फैंस से सपना पूरा करने के लिए पूरा प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिस तरह वो मेहनत करके इस मुकाम पर पहुंचे हैं, कोई भी पहुंच सकता है।