छोटे पर्दे के फेमस कपल में से एक गुरमीत चौधरी और देबिना बनर्जी ने साल 2008 में लगभग 17 साल पहले आए आनंद सागर के शो ‘रामायण’ में माता सीता और भगवान राम का किरदार निभाया था। इस शो को और उनके अभिनय को लोगों ने काफी पसंद किया और उन्हें दर्शकों से खूब प्यार मिला। सिर्फ इतना ही नहीं, इस शो में ही इस कपल की पहली बार मुलाकात हुई थी और फिर दोनों ने शादी कर ली। अब हाल ही में गुरमीत-देबिना अपने दोनों बच्चों के साथ वृंदावन पहुंचे और वहां जाकर उन्होंने धार्मिक गुरु प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। अब इस मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।

प्रेमानंद महाराज से मिले गुरमीत और देबिना

वृंदावन के फेमस संत में से एक प्रेमानंद महाराज में लोगों की काफी श्रद्धा है। वह अपने अनमोल विचारों से लोगों की राह आसान करते हैं। अभी तक आम लोगों के अलावा विराट कोहली, अनुष्का शर्मा से लेकर कई जानी-मानी हस्तियां उनके आश्रम में उनसे आशीर्वाद लेने पहुंच चुकी हैं। अब इसमें गुरमीत चौधरी और देबिना बनर्जी का नाम भी शामिल हो गया है। इस दौरान उनके साथ उनकी दोनों बेटियां भी नजर आईं।

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सोशल मीडिया हैंडल इंस्टाग्राम के भजन मार्ग ऑफिशियल पर इस मुलाकात का एक वीडियो देखने को मिला, जिसमें सबसे पहले प्रेमानंद महाराज के शिष्य धर्म गुरु को उनका परिचय देते हैं और बताते हैं कि इन्होंने टीवी में राम और सीता का किरदार निभाया है। इसके बाद गुरमीत ने कहा, “बाउजी, हम दोनों ने सबसे पहला काम राम औऱ सीता का किया, तभी दुनिया ने हमें देखा वहां पर और वहां से इतना प्रेम पूरे देश में मिला हम दोनों को, बस इतना आशीर्वाद चाहिए कि हम ऐसे ही आगे बढ़ते जाएं।।”

प्रेमानंद महाराज ने कही ये बात

गुरमीत की बात सुनने के बाद प्रेमानंद महाराज ने कहा, “भगवान का नाम जरूर स्मरण करते रहिए, इससे और भी आगे उन्नति के चांस हैं। नाम स्मरण करते रहें, नाम न भूलें। भगवान के नामों में बहुत सामर्थ्य है, जो राम भगवान का आपको अभिनय करने का सुख सौभाग्य मिला, उन्हीं का नाम स्मरण करिए। सिया-राम या राम-राम स्मरण करते रहेंगे, तो आपके पूर्व के जो अशुभ हैं, अशुभ भी अपना प्रभाव डालते हैं।”

इसके आगे उन्होंने कहा, “जहां भगवान श्रीराम को सुबह राज्याभिषेक मिलना है, वहीं भगवान श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास शाम को ही हो जाता है, तो जब स्वयंब्रह्म परमात्मा की लीला में ऐसा हो रहा है, तो हमारे मानव लीला में अशुभ का भी प्रभाव पड़ेगा। तो उस अशुभ को नष्ट करने के लिए हमें नाम जप जरूर करना चाहिए। खूब नाम-जाप करो।”

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