Bhabiji Ghar Par Hain: अनोखे लाल सक्सेना उर्फ सानंद वर्मा आज घर-घर में जाना-माना नाम बन चुके हैं। लोकप्रिय टीवी शो ‘भाबीजी घर पर हैं’ ने उन्हें लोकप्रियता के जिस मुकाम पर पहुंचाया है, उसके बारे में उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। आज वह टीवी के लोकप्रिय स्टार्स में से एक हैं। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने में उनको काफी संघर्ष भी करना पड़ा था।

सानंद वर्मा किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बचपन काफी कठिनाइयों में बीता। घर परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी लिहाजा घर का खर्च चलाने के लिए मात्र 8 साल की उम्र से उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था। सानंद वर्मा के पिता का एक छोटा सा पब्लिशिंग हाउस भी था। सानंद वर्मा पिता के इसी काम में हाथ बंटाते थे। वे प्रूफ रीडर का भी काम करते थे। इसके साथ ही सानंद ने चपरासी और थोक विक्रेता का भी काम किया। लेकिन उनका सपनों के एक कोने में एक्टर बनने का सपना भी पलता था।

सानंद वर्मा पढ़ाई के साथ साथ ये काम किया करते। जिसकी वजह से वे कई बार स्कूल भी अटेंड नहीं कर पाते थे। जो किताबें पिता के पब्लिशिंग हाउस से छपती उसे सानंद वर्मा बेचने के लिए 25 किलोमीटर पैदल चलते थे। यही नहीं इन सबके अलावा उन्होंने खर्च चलाने के लिए मात्र 12 साल की उम्र में ट्यूशन भी दी। लेकिन एक्टर बनने के सपने को वो जिंदा रखे। और एक दिन मुंबई चले आए। यहीं पर वह एक कंपनी में नौकरी करने लगे। सानंद मुंबई में एक MNC कंपनी में नौकरी की जहां उनका सालाना पैकेज 50 लाख रुपए था।

गौरतलब है कि ‘सक्सेना’ यानी सानंद वर्मा ने 2010 में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने ‘मर्दानी’, ‘रेड’ और ‘पटाखा’ जैसी कई फिल्मों में काम किया। पर असली पहचान मिली टीवी शो ‘भाबीजी घर पर हैं’ से। वह सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर स्टारर फिल्म ‘छिछोरे’ में दिखे थे। टीवी पर वह ‘एफआईआर’, ‘सीआईडी’ और ‘अदालत’ जैसे शोज में काम कर चुके हैं।