टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाने वाली अर्चना पूरन सिंह आज द ग्रेट इंडियन कपिल शो (Netflix) के जरिए हर घर में जानी जाती हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनकी परवरिश और पारिवारिक बैकग्राउंड भी काफी दिलचस्प रहा है।
अर्चना पूरन सिंह के पिता थे देहरादून के नामी वकील
अपने बड़े बेटे आर्यमन के व्लॉग में अर्चना ने खुलासा किया कि उनके पिता देहरादून के मशहूर क्रिमिनल लॉयर थे। वे संजय गांधी के भी वकील रह चुके थे। अर्चना ने बताया कि जिन अपराधियों के केस वे लड़ते थे, उनके विरोधी पक्ष के लोग रिश्वत देने भी आ जाते थे। एक बार कोई शख्स घर पर बोरे में भरकर पैसे लेकर पहुंचा था, जिसे सुनकर आर्यमन हैरान रह गए।
अर्चना ने बताया कि एक बार विपक्षी पार्टी के लोग बोरे में भरकर पैसे लेकर आए थे और उनसे डिमांड की थी कि वे केस में हल्के पड़ जाएं, मगर उनके पिता ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। अर्चना ने कहा उनके पिता काम को लेकर ईमानदार थे और ये सीख उन्हें पिताजी से मिली।
आलीशान जीवन जीती थीं अर्चना पूरन सिंह
अर्चना ने बताया कि उनका बचपन काफी संपन्न माहौल में बीता। वे बंगले में रहती थीं, स्वादिष्ट खाना खाते थे और घर में कई लग्जरी कारें थीं। उन्होंने कहा कि उनके पिता जितने सख्त वकील थे, उतने ही मासूम और दयालु इंसान भी थे। ह्यूमर की समझ भी उन्होंने अपने पिता से ही पाई। जब उनका निधन हुआ तो पूरा देहरादून उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। लोग उन्हें ‘कर्मयोगी’ कहकर बुलाते थे।
वकालत से क्यों दूर रखना चाहते थे बच्चों को
अर्चना ने आगे बताया कि उनके पिता कभी नहीं चाहते थे कि उनके बच्चे वकील बनें। उनका कहना था कि इस पेशे में इंसान को अपनी आत्मा और ईमान बेचना पड़ता है। कई बार आपको पता होता है कि आरोपी ने गुनाह किया है, फिर भी आपको उसे बचाना पड़ता है। यही कारण था कि वे चाहते थे कि उनके बच्चे वकालत में न जाएं।
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संजय गांधी का विवादित दौर
इमरजेंसी (1975) के दौरान संजय गांधी पर जबरन नसबंदी और सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप के आरोप लगे थे। इमरजेंसी के बाद किस्सा कुर्सी का फिल्म का मामला भी सुर्खियों में रहा, जिसमें उन पर फिल्म के प्रिंट जलाने का आरोप था और उन्हें जेल जाना पड़ा था। इन्हीं मामलों में अर्चना के पिता उनके वकील बने थे।
बिना गॉडफादर अर्चना ने तय किया बॉलीवुड तक सफर
अर्चना ने यह भी बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में उनका कोई कनेक्शन नहीं था। फिर भी वे 20 साल की उम्र में एक्टर बनने मुंबई आईं। शुरुआत विज्ञापनों से की और धीरे-धीरे बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई। आज वे सबसे पॉपुलर महिला जज और टीवी पर्सनैलिटी में गिनी जाती हैं और दर्शकों का भरपूर प्यार पा रही हैं।
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