बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन का जन्म 12 अगस्त, साल 1914 को पंजाब के लायलपुर में हुआ था। तेजी बच्चन एक मशहरू थिएटर आर्टिस्ट थीं, शादी के बाद उन्होंने शेक्सपियर के प्ले में बेटे के साथ स्टेज भी शेयर किया था। इससे इतर तेजी बच्चन भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी खास दोस्त थीं। दोनों की मुलाकात पहली बार इलाहाबाद के आनंद भवन में हुई थी। दोस्ती का यह सिलसिला इंदिरा गांधी और तेजी बच्चन की अगली पीढ़ी तक भी कायम था। लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था, जब तेजी बच्चन अपनी खास दोस्त इंदिरा गांधी के एक निर्णय से खफा हो गई थीं।
तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी के बीच हुई यह तनातनी कहीं न कहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस नरगिस से जुड़ी हुई थी। दरअसल, इंदिरा गांधी ने नरगिस को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया था। उनके इस फैसले से ही तेजी बच्चन कथित तौर पर भारत की पूर्व महिला प्रधानमंत्री से नाराज हो गई थीं।
इस बात का जिक्र वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राशिद किदवई ने अपनी किताब ‘नेता अभिनेता: बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में किया था। उन्होंने अपनी किताब में बताया था कि इंदिरा गांधी द्वारा राज्यसभा के लिए नरगिस को चुने जाने पर तेजी बच्चन नाराज हो गई थीं।
हालांकि उस वक्त इंदिरा गांधी अपने फैसले पर अड़ी रहीं और उन्होंने इसका बचाव यह कहते हुए किया था कि एक्ट्रेस नरगिस दत्त इस उपलब्धि के लायक हैं। लेकिन इस बात के कारण इंदिरा गांधी और तेजी बच्चन के बीत लंबे समय तक तनाव बना रहा था।
बता दें कि इंदिरा गांधी और तेजी बच्चन की दोस्ती इस कदर गहरी थी कि शादी से पहले जब सोनिया गांधी भारत आई थीं तो वह तेजी बच्चन के घर ही रुकी थीं। दरअसल, भारतीय रिवाजों के मुताबिक शादी से पहले बहू अपने ससुराल में नहीं ठहर सकती है। ऐसे में सोनिया गांधी को अमिताभ बच्चन के घर ही रुकना पड़ा था। इससे इतर अमिताभ बच्चन के बॉलीवुड करियर में भी इंदिरा गांधी ने काफी मदद की थी। हालांकि उन्होंने अपने बेटे राजीव गांधी को एक्टर को राजनीति में न लाने की सलाह भी दी थी।