कंगना रनौत का शो ‘लॉकअप’ इन दिनों सुर्खियों में है। इस शो में जहां कंटेस्टेंट्स को ऐशो-आराम छोड़कर असली कैदी की तरह रहना पड़ रहा है। तो समय-समय पर उन्हें अपने डार्क सीक्रेट भी शेयर करने पड़ रहे हैं। शो में प्रतिभागी रहे राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला एलिमिनेट हो गए लेकिन जाते-जाते अपनी जिंदगी का बड़ा सीक्रेट शेयर कर गए।
दरअसल, एलिमिनेशन से पहले तहसीन को विकल्प दिया गया था कि बाहर होने से पहले वो किसी एक को सुरक्षित कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें अपना एक डार्क सीक्रेट बताना होगा। पूनावाला ने फैसला लेते हुए सायशा शिंदे को सुरक्षित किया और अपने जीवन के एक बड़े राज से पर्दा उठाया है। जिसे जानकर सभी कंटेस्टेंट्स चौंक गए।
बिजनेसमैन ने रखी थी शर्त: पूनावाला ने बताया क एक बार उन्हें एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करना था। जिसके लिए देश के बड़े बिजनेसमैन ने उन्हें अपनी पत्नी के साथ सोने को कहा था। मजबूरन उन्हें उस आदमी के कहने पर महिला के साथ सोना पड़ा था।
पति ने सब देखा था: तहसीन ने बताया कि उस बिजनेसमैन ने इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी थीं। उसकी शर्त थी जब तहसीन उनकी पत्नी के साथ होंगे उस वक्त बिजनेसमैन भी वहां मौजूद रहेगा और सब देखेगा। ऐसा ही हुआ और इस काम के लिए बिजनेसमैन ने पूरा नाइटक्लब बुक किया था।
पत्नी को पता है ये कड़वा सच: तहसीन ने बताया कि जिस वक्त ये सब हुआ था, तब उनकी शादी नहीं हुई थी। उन्होंने शादी से पहले ही अपनी पत्नी को सबकुछ बता दिया था। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात पर कोई पछतावा नहीं है।
सायशा को हो गया है मुनव्वर से प्यार: उधर, ‘लॉकअप’ में एक और दिलचस्प मोड़ देखने को मिल रहा है। शो की कंटेस्टेंट सायशा शिंदे, मुनव्वर फारूकी पर लट्टू हो गई हैं। शो में करण कुंद्रा जेलर बनकर आए थे। इस दौरान उन्होंने सायशा से उनकी भावनाएं व्यक्त करने को कहा। जिसके बाद सायशा ने बताया कि वो मुनव्वर फारूकी के लिए कुछ महसूस करने लगी हैं। इसके बाद मुनव्वर ने कहा कि वो इस बात की सराहना करते हैं कि उन्होंने अपनी भावनाएं सबके सामने बताईं।
बता दें कि कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी शो के सबसे पॉपुलर कंटेस्टेंट हैं। कथित तौर पर हिंदू देवी-देवताओं पर की गई टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में रहे मुनव्वर को जेल भी जाना पड़ा था।
60 रुपये की दिहाड़ी करते थे मुनव्वर: मुनव्वर ने बताया कि साल 2005 में उनकी मां की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद साल 2007 में वो अपने पिता और बहनों के साथ मुंबई आए थे और उस वक्त उनकी उम्र केवल 17 साल थी। मुंबई आने पर उनके पिता बीमार हो गए थे। उनके इलाज के लिए लिए मुनव्वर को एक बर्तन की दुकान में काम करना पड़ा था, जहां उन्हें दिन के केवल 60 रुपये मिलते थे। साल 2020 में उनके पिता का भी निधन हो चुका है।