Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: सब टीवी के बेहद पॉपुलर शो ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के लोग आदी हो चुके हैं। इस शो को फैंस इतना देखना पसंद करते हैं कि रिपीट टेलीकास्ट भी नहीं छोड़ते। आज यानी 28 जुलाई 2019 को इस शो को पूरे 11 साल हो गए हैं। लगातार 11 सालों से ये शो दर्शकों का मनोरंजन कर रहा है। ऐसे में 12वां साल लगने पर सभी लोग इस शो की दयाबेन को शो में वापस बुला रहे हैं। फैंस  शो के इतने साल खुशी-खुशी बीतने पर दिशा वकानी को सोशल मीडिया पर कहते नजर आ रहे हैं- हमारी दयाबेन आपके बगैर सब अधूरा है। अब तो नया साल हो गया, अभी तो तुम आ वापसी कर लो’। दिशा का एक फैन कहता-‘ऐसी भी क्या मजबूरी अब तो वापस आ जाओ। नया सा आ गया है शो का।’

बता दें, कॉमेडी से भरपूर यह शो न सिर्फ लगातार लोगों की पसंद बना हुआ है बल्कि घर-घर में प्रचलित होने के कारण लगातार टीआरपी की दौड़ में शुमार है। यही कारण है कि 28 जुलाई को यह शो अपने 11 साल पूरा करने जा रहा है। इस शो में कई उतार चढ़ाव आए, कैरेक्टर बदले, स्टोरी बदली पर जो नहीं बदला वह दर्शकों को हंसाने का अंदाज।

कैसे शुरू हुआ था तारक मेहता का उल्टा चश्मा
बहुत कम लोग जानते हैं कि ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ गुजराती मैग्जीन के एक कॉलम पर आधारित है, जिसके अधिकार 2001 में इसके प्रोड्यूसर असीत मोदी ने खरीदे थे। हालांकि, उन्हें इस पर शो बनाने में 8 साल लग गए और फाइनली 28 जुलाई 2008 को पहला शो टीवी पर आ सका था।

शानदार कहानी और परफेक्ट टाइमिंग
तारक मेहता का उल्टा चश्मा जिस वक्त टीवी दुनिया में आया उस वक्त सास-बहू वाले सीरियल का दौर उफान पर था। इस बीच जगह बनाना मुश्किल सा था। पर तारीफ इसके स्क्रिप्ट और कहानी की करनी होगी। कॉमेडी की डिमांड हर पल इस शो में पूरी होती है। और इसकी श्रेय राइटर को दिया जाना चाहिए। कॉमेडी में परफेक्ट टाइमिंग की अहमियत तो आपको पता ही है। कोई जोक गलत वक्त और जगह बोला गया हो तो वह उल्टा ही पड़ जाता है। पर इस शो में हर कलाकार खासकर जो लीड हैं, जेठालाल-दयाबेन, चंपक लाल, भिड़े, पोपटलाल इनकी परफेक्ट टाइमिंग शो की जान हैं।

सारे कैरेक्टर ही मेन, किसी के बिना गाड़ी चलना मुश्किल
तारक मेहता का उल्टा चश्मा को सफलता पर पहुंचाने का श्रेय शो के कैरेक्टर्स का है। जेठालाल, दयाबेन, चंपक लाल, भिड़े, पोपटलाल, डॉक्टर हाथी, तारक मेहता, अंजलि, बबिता जी, माधवी ये सारे कैरेक्टर शो के लीड फ्रेम में रहे हैं। कुछ एपिसोड तो ऐसे भी रहे हैं जोकि इन जेठा और दया के बिना बाकियों ने आसानी से निकाले हैं।

घर-घर तक पहुंच
टीवी में कई ऐसे शो आए और अभी चल भी रहे हैं जहां कॉमेडी के नाम पर डबल मीनिंग वर्ड बोले जाते हैं। कुछ ऐसा दिखाने की कोशिश होती है जो पूरा परिवार एक साथ बैठकर शायद ही देख पाए। लेकिन इस शो ने जिस लेवल पर एंट्री की थी अभी तक उसे बरकरार रखा है। यही कारण है कि इसकी पहुंच घर-घर है। दिन भर के कामकाज से थका हारा परिवार साथ में बैठकर इस शो के मजे लेता है।

जेठालाल और दया बेन
शो भले ही तारक मेहता के नाम पर है लेकिन उनका मेन कैरेक्टर तो जेठालाल ही हैं यानी की दिलीप जोशी। जेठालाल के छोटे-छोटे संवाद उन्हें काफी मशहूर कर चुके हैं। शो में कुछ वक्त से दयाबेन गायब हैं। उनके लौटने की खबरें आई थीं लेकिन अब शायद वे आगे शो का हिस्सा नहीं रहें।

उतार चढ़ाव के बाद भी रेस में बना हुआ है शो
तारक मेहता का उल्टा चश्मा बहुत कम समय में ही लोगों के बीच हो गया था। हालांकि, शो को कई उतार चढ़ाव भी देखने को मिले। कई बार कैरेक्टर्स के शो छोड़कर जाने का असर पड़ा। जैसे आजकल सबसे ज्यादा असर दयाबेन के शो में ना होने का है। इसी तरह छोटे से इसी शो में बड़े होने वाले टप्पू भी अब गुजराती फिल्मों का रूख कर चुका है। डॉ. हाथी का किरदार निभाने वालवे कलाकार आजाद की मौत के कारण भी शो कुछ हफ्तों के लिए डगमगाया था। सोढी और रौशन के किरदार भी कई बार अदल-बदल चुके हैं।

अब तो आने वाले वक्त ही बताएगा कि इस शो में दयाबेन की वापसी होती है या नहीं। या फिर शो चलाने वाले असीत मोदी किसी नए कैरेक्टर को इस शो में लाते हैं…जो भी हो, शो आज भी दर्शकों का पसंदीदा है।

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