केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर सहित कई अन्य जगहों पर किसानों का आंदोलन जारी है। कड़ाके की ठंड के बावजूद भी आज 23 वें दिन किसानों का आंदोलन थमा नहीं है। स्वरा भास्कर लगातार आंदोलनरत किसानों के समर्थन में बोलती रही हैं और इसी क्रम में वो सिंघु बॉर्डर भी पहुंचीं। स्वरा भास्कर ने किसानों के साथ बैठ कर उन्हें अपना समर्थन जताया। स्वरा भास्कर ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि वो न तो किसान है और न ही उनके परिवार में कोई खेती करता है लेकिन उनका रोटी से रिश्ता है।

स्वरा ने कहा, ‘मैं यहां कोई मैसेज देने नहीं आई हूं बल्कि यहां सीखने और किसानों को अपना समर्थन देने आई हूं। मैं किसान परिवार से नहीं हूं, मैं किसान नहीं हूं। लेकिन मेरा किसानों से रिश्ता है क्योंकि रोटी से रिश्ता है। मुझे बहुत शर्म आ रही है कि हम एक ऐसा समाज हैं, जहां कड़कती सर्दी में बुजुर्ग लोग सड़कों पर सो रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये किस तरह का क्राइसिस है। क्या ये चीज पहले सुलझाई नहीं जा सकती थी?’

किसान आंदोलन को जो लोग समर्थन दे रहे हैं उन्हें कुछ लोगों द्वारा देश विरोधी कहा जा रहा है। स्वरा भास्कर से जब यह पूछा गया कि यहां आने पर उन पर भी यह इल्जाम लगाया जा सकता है तो उनका जवाब था, ‘मैं इस इल्जाम को अपनी सिर आंखो पर रखती हूं। मैं गर्व के साथ इस इल्जाम को लेना चाहूंगी क्योंकि मैं इस देश की एक जागरूक नागरिक बनना चाहती हूं। चाहे जिस भी पार्टी की सरकार हो, जब भी वो कोई ऐसा कानून लाएगी, जो हमारे देश की संविधानिक प्रावधानों के खिलाफ होगा, हम खड़े होंगे उसके खिलाफ में।’

किसानों के पिज़्ज़ा खाने पर जब कुछ लोगों ने सवाल उठाए थे तब स्वरा भास्कर ने उन लोगों को ट्विटर के जरिए मुंहतोड़ जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि गेहूं उगाने वाले किसान उसी गेहूं से बना पिज़्ज़ा क्यों नहीं खा सकते।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ‘जो गेहूं उगाते हैं वो उस गेहूं से बना पिज़्ज़ा क्यों नहीं खा सकते? जिनकी पैर, एड़ियों की लकीरें उस मेहनत का प्रतीक हैं जिससे इस देश की मिट्टी उपजाऊ बनती है वो उन पैरों का मसाज क्यों नहीं करवा सकते? कौन हैं वो लोग जो किसानों को सिर्फ लाचारी, गरीबी और मजबूरी में देखना चाहते हैं?’