वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष सुशांत सिंह राजपूत केस में हो रही मीडिया कवरेज को लेकर कई बार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इस बीच आशुतोष ने एक बार फिर ट्वीट करके पत्रकारों पर तंज कसा है। आशुतोष ने ट्वीट कर लिखा, ‘पत्रकारों की एक लिस्ट बननी चाहिये – कितने रिया के साथ हैं और कितने कंगना के और उनकी विचारधारा क्या है।’
आशुतोष के इस ट्वीट पर यूजर्स की तरफ से प्रतिक्रिया आ रही है। कुमार चंदन ने लिखा, ‘पत्रकार हैं तो विचारधारा कहां से? आपलोगों ने ही मीडिया को खराब किया है खुद को विचारधारा में बांटकर। अगर पत्रकार है तो उसकी कोई विचारधारा नही है वह सिर्फ वही बात करता या लिखता है जो राष्ट्रहित या आम आदमी के हित में हो।’ एक ने लिखा, ‘राष्ट्रहित और आम आदमी ये दोनों भी विचारधारा है। बिना विचारधारा के कुछ होता ही नहीं। विचारधारा का न होना भी एक विचारधारा है।’
पत्रकार हैं तो विचारधारा कहां से ? आपलोगों ने ही मीडिया को खराब किया है खुद को विचारधारा में बांटकर। अगर पत्रकार है तो उसकी कोई विचारधारा नही है वह सिर्फ वही बात करता या लिखता है जो राष्ट्हित या आम आदमी के हित में हो।
— Yadav Chandan(@krchandan) September 8, 2020
त्रिलोकनाथ गुप्ता ने लिखा, ‘IBN7 न्यूज़ चैनल को जिसने बर्बाद किया उसका भी नाम लिखना चाहिए रिया के समर्थन में। जिसने अन्ना हजारे आंदोलन के समय उस उस आदमी को रोटी दिया जिस चैनल ने उसको बर्बाद कर दिया इसलिए ऐसे चैनल वाले तथाकथित पत्रकारों से होशियार हो जाएं स्वास्थ्य के लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगा।’ निशि रानी ने लिखा, ‘विकल्प सत्य और झूठ हो सकता है। आपकी बात केवल यह इंगित करती है कि आप हमारी न्यायिक प्रणाली और कानून व्यवस्था पर विश्वास नहीं करते हैं।’
IBN7 न्यूज़ चैनल को जिसने बर्बाद किया उसका भी नाम लिखना चाहिए रिया के समर्थन में जिस ने अन्ना हजारे आंदोलन के समय उस उस आदमी को रोटी दिया जिस चैनल ने उसको बर्बाद कर दिया इसलिए ऐसे चैनल वाले पत्रकार तथाकथित पत्रकार होशियार हो जाएं स्वास्थ्य के लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगा
— Trilokinath Gupta (@trilokigupta111) September 8, 2020
बता दें कि इससे पहले आशुतोष का एक अन्य ट्वीट भी काफी वायरल हुआ था। आशुतोष ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में हो रही लगातार कवरेज पर नाराजगी जताई थी। आशुतोष ने ट्वीट कर लिखा था कि अगस्त महीने में दुनिया में सबसे ज़्यादा कोरोना केस भारत में आये। अमेरिका और ब्राज़ील से भी अधिक लेकिन ये टीवी मीडिया के लिये खबर नहीं है। सुशांत की मौत पर हम सब को अफ़सोस है, दुख है लेकिन वाल टू वाल कवरेज सिर्फ टीआरपी के लिये की जा रही है। इस बात का मुझे अफसोस है।