सुपरस्टार धर्मेंद्र ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है। वह अपने परिवार के पहले शख्स थे जो एक्टर बनने का सपना लेकर मुंबई पहुंचे थे। धर्मेंद्र के हीरो बनने के बाद उनके परिवार में कई लोगों ने एक्टिंग में हाथ आजमाया। उनके चचेरे भाई वीरेंद्र सिंह भी ऐसे एक शख्स थे। वीरेंद्र ने बॉलीवुड ही नहीं बल्कि पॉलीवुड को भी अपनी कर्मभूमि चुना था। वह देखते ही देखते पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन गए थे। उन्होंने कई सुपरहिट पंजाबी फिल्मों में काम किया था।

भाई को देखकर बने एक्टर: धर्मेंद्र और वीरेंद्र का जन्म फगवाड़ा के एक ही घर में हुआ था। इसी जगह पर धर्मेंद्र की स्कूली पढ़ाई भी हुई थी। वीरेंद्र ने धर्मेंद्र के हीरो बनने के बाद एक्टिंग में जाने का फैसला किया। शुरुआत में वो एक्टिंग करते थे, लेकिन धीरे-धीरे वो एक सफल डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और राइटर तक भी बने। उन्होंने 12 साल के अपने करियर में 25 फिल्में बनाईं, जिनमें लंबरदारनी, सरपंच, बटवारा और यारी जट दी शामिल हैं। साथ ही उन्होंने खेल मुकद्दर का (1981) और दो चेहरे (1977) में भी हाथ आजमाया था।

वीरेंद्र की हत्या: ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के मुताबिक, 6 दिसंबर 1988 को वीरेंद्र पंजाबी फिल्म ‘जट ते जमीन’ की शूटिंग कर रहे थे। लुधियाना के तलवंडी कलां में शूटिंग के दौरान वीरेंद्र की हत्या कर दी गई थी। वह इस दौरान सेट पर ही मौजूद थे। हत्या के कई साल बाद भी इसके कारण के बारे में पता नहीं चल सका है, ये अभी तक एक मिस्ट्री ही है कि उनकी शूटिंग के दौरान ही हत्या क्यों की गई? उस दौरान कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि वीरेंद्र की लोकप्रियता के कारण ही इस घटना को अंजाम दिया गया था।

टूट गया था परिवार: वीरेंद्र की हत्या के बाद देओल परिवार बुरी तरह टूट गया था। धर्मेंद्र के लिए भी ये बहुत बड़ा झटका था। वीरेंद्र को एक्टिंग में लाने वाला कोई और नहीं बल्कि धर्मेंद्र ही थे। 1975 में रिलीज हुई फिल्म ‘तेरी मेरी इक जिंदड़ी’ वीरेंद्र की डेब्यू फिल्म थी। इसमें धर्मेंद्र लीड रोल में नज़र आए थे। धर्मेंद्र की लोकप्रियता के कारण ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी और पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री को नया एक्टर भी मिल गया था।