साल 1993 में मुंबई बम धमाकों में संजय दत्त का नाम आने के बाद पूरा दत्त परिवार मुश्किलों के दौर से गुजर रहा था। इस बुरे दौर से बेटे संजय को निकालने के लिए सुनील दत्त ने हर वो मुमकिन कोशिश की जो वे कर सकते थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स तो यहां तक दावे करते हैं कि संजय दत्त को बचाने के लिए दत्त साहब ने अपना राजनीतिक विरासत दांव पर लगाते हुए बाल ठाकरे की शरण ली थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई बम धमाकों में संजय का नाम आने के बाद सुनील दत्त ने बाल ठाकरे से मदद मांगी थी। सुनील दत्त उस दौर में सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ थे जबकि बाल ठाकरे हिंदुओं के ब्रांड नेता थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता होने के बावजूद जब सुनील दत्त को अपनी ही पार्टी से कोई मदद की आस नहीं दिखी तो उनके समधी और एक्टर राजेंद्र कुमार ने उनको बाल ठाकरे से मिलने की सलाह दी। बाल ठाकरे का नाम सुनते ही वे काफी गुस्सा हो गए थे और मदद से इंकार कर दिए थे। लेकिन राजेंद्र ने सुनील को अमिताभ बच्चन का किस्सा याद दिलाया जब अमिताभ का नाम बोफोर्स कांड में उजागर हुआ था। तब उनकी फिल्म को बैन करने की बात होने लगी थी। और बिग बी की बाल ठाकरे ने मदद की थी।
बाल ठाकरे की नहीं लेना चाहते थे मदद लेकिन…
राजेंद्र के कहने पर किसी भी तरह से सुनील दत्त शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे से मिलने के लिए राजी हो गए। और एक दिन संजय दत्त, राजेंद्र कुमार के साथ बाल ठाकरे से मिलने उनके बंगले मातो श्री पहुंच गए। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सुनील दत्त को देखते ही बाल ठाकरे ने कहा था, “मैं जानता हूं तुम मुझे पसंद नहीं करते, लेकिन मैं एक जमाने में तुम्हारी अदाकारी का फैन रहा हूं। ठाकरे से ऐसी बात सुनकर सुनील दत्त काफी भावुक हो गए थे। और रो पड़े थे। उन्होंने पूरा मामला बाला साहब को बताया।
बाल ठाकरे ने संजय दत्त को लगाई थी फटकार
बाल ठाकरे ने मदद का आश्वासन दिया और कहा, मैं आपकी मदद करूंगा। मैं जो भी करूंगा वो सिर्फ आपके लिए कर रहा हूं, संजय दत्त के लिए नहीं। इसके बाद ठाकरे ने संजय दत्त को फटकार लगाई और कहा, अब वही करना जो तुम्हारे पिता चाहते हों। किसी और के बहकावे में मत आना। ठाकरे की डांट के बाद संजय सहमे से ऐसा करने को हामी भरे।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सुनील दत्त ने बाल ठाकरे से इस मदद के बदले में कुछ करने की बात कही थी। सुनील दत्त ने बाल ठाकरे के लिए राजनीति से संन्यास लेने तक की बात कह दी थी। लेकिन ठाकरे ने ऐसा करने से मना कर दिया था। हालांकि अगले लोकसभा चुनाव में सुनील दत्त ने चुनाव नहीं लड़ा। सुनील दत्त अपने कई इंटरव्यू में बाल ठाकरे को धन्यवाद कहते रहते थे। उस वक्त संजय दत्त सिर्फ 5 साल की सजा काट कर जेल से बाहर आ गए थे।