भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी तर्कपूर्ण बातें करने और तथ्यों के साथ अपनी बात करते हैं इस वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं और लोग उन्हें काफी पसंद करते हैं। वे अपनी बातों को स्पष्ट तरीके से बोलते हैं और बहस में घुमा-फिराकर बातें नहीं करते हैं। टीवी डिबेट में वो लोगों को पसंदीदा गेस्ट होते हैं, क्योंकि वो अपनी संस्कृति, धर्म और राष्ट्र से जुड़े मुद्दों को बेबाकी से रखते हैं।
बॉलीवुड का जिक्र करते हुए सुधांशु कई बार फिल्मों में हिंदू समुदाय को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाते हैं। हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हुआ जहां वो एक छात्रा को जवाब देते हुए कहते हैं कंठी माला पहनने वाला और टीका लगाने वाले को बॉलीवुड में विलेन की तरह पेश किया जाता है।
सुधांशु त्रिवेदी कहते हैं, ”बहुत सारी चीजें दिमाग में भरी गई हैं फिल्मों में… ये बताइए… हम लोग के जन्म के आस-पास की फिल्म पड़ोसन…मास्टर पिल्लई, एक चतुर नारी करके श्रृंगार… वो भी मजाक के पार्ट होंगे… और अभी इधर कौन सी फिल्म थी जिसमें खजाना खोजने जाते हैं (धमाल), जिसमें वो कहता है कि गोवा तक जाने के लिए कितना टाइम लगेगा उससे ज्यादा टाइम नाम बताने में लगेगा। श्री निवास वेंकटेश अय्यर उसका भी मजाक है। उत्तर-दक्षिण में लड़ाना है?”
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सुधांशु आगे कहते हैं, ”हर फिल्म में सरदार मजाक का पात्र होगा। बहुत बड़ा षड़यंत्र था। ये एक लेफ्टिस्ट एजेंडा था। मैं ये नहीं कह रहा कि फिल्मवालों जानकर किया है। वो तो बेचारे खुद नहीं जानते हैं। उनका माइंडसेट ऐसा है कि वे इसके टूल बन गए हैं। नई पीढ़ी ने तो बहुत कुछ ऐसा ही देखा है। ये बड़े करीने से उसके दिमाग में बिठा दिया गया है। अरे भाई हम लोग भी बच्चे थे तो ऐसा रहता था कि झोली बाबा पकड़कर ले जाएगा। मतलब दाढ़ीवाला बाबा ही झोली होगा।”
सुधांशु ने कहा, ”मैं किसी की अवमानना नहीं करना चाहता लेकिन कभी किसी मौलवी को निगेटिव रोल में दिखाया गया हो तो बताइए। आतंकवाद वाली फिल्म में भी उसे कैरेक्टर रोल में दिखाया जाएगा, ये सोचने की बात है।”
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सुधांशु कहते हैं, ”मूवीज में एक इमेज बनी हुई है कि टीका लगाए, कंठी माला पहने, धोती कुर्ता पहने व्यक्ति विलेन ही होगा। इतना ही नहीं धर्माचार्य तो धूर्त ही होगा। इतना ही नहीं प्रोफेसर मजाक का पार्ट होगा। पढ़ने-लिखने वाला छात्र बेवकूफ होगा। वो चतुर महालिंगम होगा। क्लास बंक करने वाला इंटेलिजेंट होगा। पॉकेट मारने वाला व्यक्ति उदार होगा, क्योंकि वो चोरी करके बांट रहा होगा। जो बिजनेसमैन है या जो नौकरी कर रहा वो बेवकूफ टाइप का दिखाया जाएगा। जिंदगी की दौड़ में पिछड़ता दिखाई देगा। अरे बहुत सारी चीजें दिमाग में भरी गई हैं, तो नई पीढ़ी ने तो बहुत कुछ ऐसा ही देखा है।”