बॉलीवुड हमेशा से अपने कल्चर को लेकर चर्चा में रहा है। कई लोगों ने इंडस्ट्री की आलोचना की है और कहा है कि इससे युवा गलत दिशा में जा रहे हैं और अपनी संस्कृति भूल रहे हैं। कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य ने भी कहा था कि बॉलीवुड का आम जनता पर बुरा असर हो रहा है और धर्म गुरु श्री श्री रविशंकर ने बॉलीवुड को नशे का अड्डा बताया है। उनका कहना है कि इससे देश की संस्कृति पर हमला हो रहा है।
2013 में श्री श्री ने भारी भीड़ के सामने कहा था, “बॉलीवुड में तिलक लगाने वाला कोई भी व्यक्ति खलनायक है और पोनी रखने वाला व्यक्ति बुरा आदमी है। वे धर्म का पालन करने वाले लोगों की गरिमा को बहुत खराब करते हैं ताकि युवा लोग धर्म से दूर हो जाएं। ताकि वे ड्रग्स, शराब और सिगरेट के आदी हो जाएं। इन चीजों से किसी को रोकने वाली एकमात्र चीज आपकी धार्मिकता है।”
उन्होंने एक्टर्स की भारी फीस की भी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, “वे सभी कुछ न कुछ गलतियां कर रहे हैं। वे समाज की वैल्यू और देश की संस्कृति पर हमला कर रहे हैं। वे कहते हैं कि सभी आश्रम बुरे हैं और सभी मंदिर पैसे लूट रहे हैं, लेकिन वे वास्तव में यही करते हैं। एक एक्टर को विक्स के विज्ञापन में केवल छींकना होता है, फिर भी वे इसके लिए करोड़ों रुपये लेते हैं।”
श्री श्री ने कहा था, “बॉलीवुड के सभी कलाकार अनैतिकता के साथ जीवन जीते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “वे नैतिकता की बात कर सकते हैं, लेकिन अगर आप उनके निजी जीवन को देखें, तो आपको कोई नैतिकता नहीं मिलेगी। वे नहीं चाहते कि नैतिकता और धर्म पनपे। वे राजनेताओं की तरह हैं, जो अपने दुश्मन खुद बनाते हैं और उनके खिलाफ लड़ते हैं।”
उन्होंने पंजाब में कथित नशीली दवाओं की समस्या के लिए फिल्म इंडस्ट्री को दोषी ठहराया था और कहा था, “ड्रग्स और शराब लॉबी बॉलीवुड के साथ है, और वे सभी युवाओं को इन बुरी आदतों में पड़ने के लिए प्रभावित करना चाहते हैं। इस तरह पंजाब इसमें फंस गया, और ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक इतना मजबूत और जीवंत राज्य इस दिशा में जा रहा है।”
आपको बता दें कि जावेद अख्तर और रविशंकर भी सालों पहले एक फोरम के दौरान एक दूसरे से इसी तरह के मुद्दों पर भिड़ गए थे। जहां जावेद अख्तर ने इनपर युवाओं के दिमाग के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…