केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के समर्थन में आम लोगों से बॉलीवुड सेलेब्स भी आए हैं। दिलजीत दोसांझ, स्वरा भास्कर ने जमकर किसानों का समर्थन किया है। लेकिन वो लोग जो कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे हैं, उनका कहना है कि किसान कृषि कानूनों की सही ढंग से समझ नहीं पाए हैं।
किसानों का समर्थन कर रही स्वरा भास्कर को एक सोशल मीडिया यूजर ने कृषि कानूनों पर डिबेट करने के लिए चैलेंज किया है। जिसके जवाब में अभिनेत्री ने कहा कि हमें समझाने की जरूरत नहीं जाकर किसानों को समझाओ। स्वरा भास्कर ने ट्वीट किया, ‘इसी मूर्खता और भ्रम की वज़ह से इतना सब कुछ बिगड़ा है। हमें कृषि कानूनों और इसके फायदों के बारे में क्यों कन्विंस करना.. इसके लिए किसानों को कन्विंस किया जाना चाहिए। समझ में आया? ये बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है, क्यों नहीं तुम प्रोटेस्ट कर रहे किसानों के बीच जाकर उनसे बातचीत करते हो?’
स्वरा ने जिस ट्वीट के जवाब में अपना ट्वीट किया था, उसमें मोजिटो नाम से यूजर ने लिखा था, ‘मैं दिलजीत दोसांझ, स्वरा भास्कर, एमी वर्क और मीका सिंह को चैलेंज करता हूं कि वो मेरे साथ कृषि कानूनों पर वर्चुअल डिबेट करें। आप सभी 4 दिन का समय लेकर फार्म बिल पढ़ सकते हैं और अपनी तैयारी कर सकते हैं। है दम?’
This is the foolishness & fallacy that has in the 1st place created this mess.. Why convince us of the farm bills & it’s benefits.. the farmers should be convinced of it.. GET IT? It’s not that hard! Why don’t u go engage in a conversation with the protesting farmers? https://t.co/vEitcnurqR
— Swara Bhasker (@ReallySwara) December 12, 2020
कटप्पा नाम के एक यूज़र ने स्वरा को उनके ट्वीट पर जवाब दिया, ‘भारत सरकार किसानों से बात कर रही है और वो उन्हें जरूर ही कन्विंस भी कर लेगी। तुम सरकार के विरोध में किए गए हर प्रदर्शन का समर्थन करती हो। यहां तक कि अगर गदहे भी सरकार के विरोध में प्रदर्शन करेंगे तो तुम उनके साथ होगी। इसलिए तुम्हें बिल पर बहस करने के लिए चैलेंज किया जा रहा है।’
क्यूरियस नारायण नाम के एक यूज़र ने ट्वीट किया, ‘जब सरकार ने लोक सभा में बिल पर बहस करवाने की जरूरत नहीं समझी तब स्वरा भास्कर से एक भक्त यह उम्मीद कर रहा है कि वो इसपर ट्विटर पर डिबेट करें।’ नवीन कौशल नाम के एक यूज़र लिखते हैं, ‘भक्तों को सिंघू बोर्डर जाकर ये कहने दो कि मोदी जी ने किया होगा तो कुछ अच्छा ही किया होगा.. तब वो लोग (किसान) बताएंगे कृषि कानूनों के फायदे।’