फिल्म- सिंघम अगेन
रेटिंग: 1.5/5 स्टार
डायरेक्टर: रोहित शेट्टी
कलाकार: अजय देवगन, अक्षय कुमार, रणवीर सिंह, टाइगर श्रॉफ, जैकी श्रॉफ, अर्जुन कपूर, करीना कपूर खान, दीपिका पादुकोण और सलमान खान
Singham Again Movie Review & Rating and Rating: मसाला फिल्मों का स्वैग ही अलग होता है। थिएटर में जब भी मसाला फिल्में आती हैं तो रूह तक बोल पड़ती है। शरीर में ऐसा जोश और जुनून हो जाता है कि लगता है कि दर्शक खुद ही हीरो बन गया है और विलेन की धुलाई कर रहा है। मानों शरीर में एक करंट सा दौड़ पड़ता है। वैसे तो मसाला फिल्मों में लॉजिक तलाशना ज्यादा उचित नहीं होगा लेकिन थोड़ी सी इंटेलिजेंस भी दिखाना जरूरी होता है। इसी कड़ी में अब रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘सिंघम अगेन’ (Singham Again) की रिलीज का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था, जो कि एक्शन ड्रामा फिल्म है। अब उसकी रिलीज का इंतजार भी खत्म हो गया है। लेकिन, ये फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई है या यूं कहा जाए कि फिल्म अध पकी रह गई। चलिए बताते हैं इस मल्टीस्टारर फिल्म के बारे में।
कहानी में नहीं दिखा दम, ‘रामायण’ और ‘सिंघम’ के नाम पर ठगा
‘सिंघम अगेन’ की रिव्यू की शुरुआत इसकी कहानी से करते हैं। इसकी शुरुआत कश्मीर से होती है, जहां एसएसपी अजय देवगन की पोस्टिंग होती है। जैसे ‘बाजीराव सिंघम’ अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं वैसे ही उन्होंने आतंकवाद का यहां पर नामोनिशान ही मिटा दिया है। वो नए भारत का भी जिक्र करते हैं कि कैसे फोर्स ने मिलिटेंट बन चुके युवाओं को रिफॉर्म करके उन्हें भी फोर्स का हिस्सा बनाया गया। इन सबके बीच कहानी आगे बढ़ाने के लिए जैकी श्रॉफ की एंट्री होती है, जो बतौर विलेन उमर हाफिज नजर आते हैं। वो अजय देवगन पर हमला करते हैं। फिर बाइक से स्टंट दिखाते हैं और फोर्स द्वारा उन्हें दबोच लिया जाता है। खतरनाक विलेन बने जैकी का आसानी से पकड़े जाना फिल्म में समझ नहीं आता है। यहां से सिलसिला आगे बढ़ता है और बार-बार अजय देवगन खुद को ‘बाजीराव सिंघम’ के तौर पर दिखाते हैं मगर दिखा नहीं पाते हैं। फिल्म की कहानी रामायण के पैरलल चलती है। समझ ही नहीं आता है कि मेकर्स इस फिल्म के जरिए दिखाना क्या चाह रहे हैं ‘रामायण’ या फिर ‘सिंघम’। दोनों एक साथ दिखाना का खतरा रोहित शेट्टी ने उठाया तो, जिसमें वो असफल होते नजर आए।
कुल मिलाकर अगर आपने फिल्म का ट्रेलर देखा है तो ये जान लीजिए कि कहानी आपने ट्रेलर में ही देख ली है। फिल्म में बस ट्रेलर को ढाई घंटे भुनाया गया है।
ना एक्टिंग, ना डायलॉग डिलीवरी, फिसड्डी निकली ‘सिंघम अगेन’
फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में स्टार्स की एक्टिंग के बारे में बात की जाए तो इसमें अजय देवगन (बाजीराव सिंघम), करीना कपूर (अवनी), टाइगर श्रॉफ (सत्या), रणवीर सिंह (सिंबा), दीपिका पादुकोण (शक्ति शेट्टी), अक्षय कुमार (सूर्यवंशी), जैकी श्रॉफ (उमर हाफिज) और अर्जुन कपूर (डेंजर लंका) अहम रोल में हैं। किसी का भी रोल आपको प्रभावित नहीं करता है। दर्शक ‘सिंघम’ के नाम पर सिंघम को देखना चाहते थे लेकिन मेकर्स ने ‘सिंघम’ के नाम पर ‘रामायण’ दिखाने की कोशिश की, जिसमें वो असफल नजर आए। अजय देवगन की एंट्री से लेकर डायलॉग डिलीवरी तक खराब है। स्टार्स काफी सुस्त दिखते हैं। रणवीर सिंह सिंबा के रोल में ओवर एक्टिंग करते दिखते हैं लेकिन, उनका किरदार आपको थोड़ा बहुत गुदगुदाता भी है।
अर्जुन कपूर बतौर विलेन दर्शकों को निराश करते हुए नजर आते हैं। उनका लुक साउथ फिल्मों के जैसे है। उनका लुक और एक्शन साउथ फिल्मों की याद दिलाता है। लेकिन, वो भी स्क्रीन पर अपनी एक्टिंग से लोगों को प्रभावित नहीं कर पाते हैं। उनकी डायलॉग डिलीवरी तक जोश और जुनून वाली नहीं है, जो पहले के ‘सिंघम’ के सीक्वल में देखने के लिए मिला था। फिल्म में उनकी तुलना रावण से की जाती है इसलिए, वो सिर्फ हंसते रहते हैं लेकिन, वो किसी को डरा नहीं पाते हैं। अगर आपने ‘सिंघम’ के दोनों पार्ट्स को देखा है तो आपको स्टार्स की एक्टिंग फीकी लगने वाली है। स्टार्स की एंट्री और फिल्म कहानी को देखकर लगता है कि फिल्म का निर्माण केवल मल्टी स्टार्स के परिचय के लिए ही किया गया है, जिसके बारे में पहले से दर्शक जानते हैं। फिल्म में श्वेता तिवारी भी हैं, जो कि अजय देवगन की शिवा स्क्वैड का हिस्सा होती हैं। उनके पास भी ‘यस सर जी सर’ के अलावा करने के लिए कुछ खास नहीं है। वहीं, ‘सीआईडी’ के दया का थोड़ा सा एक्शन सीन होता है। इसके बाद वो भी स्क्रीन से गायब हो जाते हैं।
कमजोर डायरेक्शन के साथ स्लो स्क्रीन प्ले
फिल्म ‘सिंघम अगेन’ का निर्देशन रोहित शेट्टी ने किया है, जो कि अपनी मसाला फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। अगर आपने उनकी पहले की फिल्में देखी हैं तो कॉप यूनिवर्स की फिल्म ‘सिंघम अगेन’ काफी कमजोर देखने के लिए मिलने वाला है। लोगों को रोहित शेट्टी की टिपिकल फिल्में देखना पसंद है, जिसमें एक्शन होता है। विलेन के साथ हीरो तक दमदार होता है। लेकिन, ‘सिंघम अगेन’ में ये सब काफी फीका है, जो आकर्षित करने वाला नहीं है। इसका स्क्रीन प्ले भी काफी स्लो है। फर्स्ट हाफ तो कुछ ज्यादा वीक और स्लो है। इंतजार करते हैं कि कब और क्या होगा। एसएसपी की पत्नी (करीना कपूर) को बचाने के लिए स्ट्राइक की जाती है, जो कि समझ में नहीं आता है। रोहित शेट्टी ने फिल्म की कहानी को रामायण के प्रेरित होकर दिखाया है, जिसके बिना भी काम चलाया जा सकता था। फिल्म में रामायण का एंगल जबरदस्ती का लगता है। अगर ‘सिंघम रिटर्न्स’ की कहानी को ही आगे दिखाया गया होता, उसी सिंघम के साथ तो ये दिवाली पर फैंस के लिए तोहफे से कम नहीं होता। ऐसा लगता है कि रोहित शेट्टी ने रामायण का एंगल फिल्म को हिट करने के लिए डाला था लेकिन, अब ये उल्टा ही साबित हो रहा है।
रामायण के होने से मेकर्स को संयम बरतना पड़ा है। इसलिए स्टार्स का ना जो ठीक से जोश दिख पाया है ना कि ‘अत्ता माजी सटकली’ दिख पाया। स्टार्स से स्लो डायलॉग डिलीवरी और स्क्रीन प्ले ने फिल्म को कमजोर कर दिया है। 8 स्टार्स वाली इस फिल्म में रोहित शेट्टी उन स्टार्स के किरदार को सही से भुना नहीं पाए हैं। वहीं, ‘चुलबुल पांडे’ की एंट्री होती है, जो कि अगले सीक्वल की झलक दिखाते हैं। लेकिन, इस फिल्म को देखने के बाद कहना गलत नहीं होगा कि रोहित शेट्टी को अब कॉप अनविजिटेड बनाना बंद कर देना चाहिए क्योंकि कंटेंट बचा नहीं है।
कैसा है फिल्म का म्यूजिक?
‘सिंघम अगेन’ के म्यूजिक की बात की जाए तो फिल्म की कहानी के साथ ही इसका म्यूजिक भी काफी कमजोर दिखता है। वो किसी भी कड़ी को जोड़ नहीं पाता है। फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक में ‘वक्रतुंड महाकाय…’ जैसे मंत्रों के उच्चारण होता है। बैकग्राउंड में ऐसे ही मंत्रों और शिव का तांडव भी सुनने के लिए मिलता है मगर, ये कहानी को कनेक्ट नहीं कर पाते हैं। फिल्म में कोई खास गाना नहीं है।
देखनी चाहिए या नहीं
अब अगर फिल्म ‘सिंघम अगेन’ को देखने की बात की जाए तो मसाला फिल्म के हिसाब से त्योहार पर देख सकते हैं। मेकर्स का उद्देश्य है केवल आम आदमी त्योहार के मौके पर दिमाग और लॉजिक को साइड रखकर केवल इसे इन्जॉय करे। अगर आप ‘सिंघम’ सीरीज के दिवाने हैं तो ऐसे में इसके तीसरे सीक्वल का भी अलग मजा है। ‘सिंघम’ को रामायण के साथ देखना अलग है अनुभव है। आप देखते हैं। लेकिन, अगर आप स्टोरी के लिए जाएंगे तो बस निराशा ही हाथ लगेगी। एक्टिंग और कहानी की उम्मीद करके जाने से केवल निराश होकर ही लौटेंगे। ऐसा लगेगा कि मेकर्स ने ‘सिंघम’ और ‘रामायण’ के नाम पर ठग लिया हो।

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गौरतलब है कि फिल्म ‘सिंघम अगेन’ और ‘भुल भुलैया 3’ में कांटे की टक्कर देखने के लिए मिल रही है। ऐसे में देखना होगा कि फर्स्ट डे बॉक्स ऑफिस पर कौन बाजी मारेगा और किसकी दिवाली अच्छी मनती है। इस खबर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।