CineGram: दादा साहेब फालके पुरस्कार सम्मानित शशि कपूर भले ही इस दुनिया में नहीं, लेकिन उनके अभिनय के लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है। शशि कपूर को 2011 में भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके बाद 2017 में उनका 79 साल की उम्र में निधन हो गया था। उन्होंने 174 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और 6 दशक से अधिक समय तक वो इंडस्ट्री में बने रहे। लेकिन कम ही लोग इस बात को जानते होंगे कि उनका असली नाम शशि कपूर नहीं था।

शशि कपूर का जन्म 18 मार्च 1938 में पृथ्वीराज कपूर के घर में हुआ था और उनका नाम बलबीर राज कपूर रखा गया था। कपूर खानदान में मर्दों के नाम के आगे राज कपूर लगाने की परंपरा थी, मगर उनकी मां को वो नाम पसंद नहीं था और वो उन्हें शशि बुलाने लगीं। शशि का अर्थ है चंद्रमा की रोशनी और एक्टर को बचपन में चांद देखना बहुत पसंद था, इसलिए उनका नाम शशि कपूर पड़ गया।

मां प्यार से कहती थीं फ्लकी

साल 1995 में जर्नलिस्ट प्रिया वारियर को दिए इंटरव्यू में शशि कपूर ने अपने नाम के पीछे की कहानी बताई थी और ये भी बताया था कि उनकी मां उन्हें प्यार से क्या कहकर बुलाती थीं। उन्होंने बताया था कि उनकी मां रामसरनी मेहरा कपूर उन्हें ‘फ्लकी’ कहा करती थीं। इसके पीछे की वजह का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा था, “मेरी मां मुझे फ्लकी कहती थीं क्योंकि मैं अनप्लांड था। उनके पहले से ही चार लड़के थे और फिर मेरी मां और मेरे पिता हमेशा लड़की के लिए प्रार्थना करते थे। 1933 में, मेरी बहन उर्मिला का जन्म हुआ, वह एक परिवार था और मेरे माता-पिता काफी खुश थे।”

शशि कपूर ने बताया कि वो अनवॉन्टेड चाइल्ड थे। शादी के पांच साल बाद अचानक उनके माता पिता को पता चला था कि उनकी मां गर्भवती हैं, उन्होंने अपने बच्चे से छुटकारा पाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उस वक्त अबॉर्शन जैसी कोई चीज नहीं होती थी, तो न चाहते हुए भी शशि कपूर को जन्म देना पड़ा।

शशि कपूर इंडस्ट्री के बेहतरीन एक्टर्स में से एक थे। एक बार उन्होंने महज 100 रुपये में बड़ी फिल्म साइन कर दी थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…

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