फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन उन खास अभिनेत्रियों में से एक हैं जिन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। लेकिन साथ ही उन्होंने डर्टी पिक्चर कर यह भी साबित किया कि वे किसी ग्लैमरस हीरोइन से कम नहीं हैं। उन्होंने हर फिल्म में एक अलग ही अंदाज दिखाया है। बहरहाल एक बार फिर विद्या अपनी नई फिल्म शकुंतला देवी को लेकर चर्चा में हैं। शकुंतला देवी एक ऐसी बुद्धिमान महिला की बायोपिक है जिन्हें गणित मे महारत हासिल है। 1982 मे गणित मे अपनी दिमागी तेजी के कारण जीनियस होने की वजह से उनका नाम गिनीज बुक आफर वर्ल्ड रेकॉर्ड मे भी शामिल हुआ था। ऐसी ही महान हस्ती का किरदार विद्या बालन निभा रही हैं। उनसे बातचीत पेश है…

सवाल : काफी इंतजार के बाद अब आपकी फिल्म शकुंतला देवी एमजोन प्राइम विडियो पर रिलीज होने जा रही है। क्या कहेंगी?
जवाब ः खुशी है। यह फिल्म 8 मई को रिलीज होनी थी लेकिन पूर्णबंदी के कारण रुक गई थी। अब ऐसा लगता है और आगे कुछ महीने तक थियेटर की स्थिति सामान्य होने वाली है। लिहाजा तय हुआ कि इसे ओटीपी प्लेटफार्म पर रिलीज किया जाए। इस रिलीज का एक फायदा है कि इसका प्रीमियर एक साथ कई देशों में होगा।

सवाल : शकुंतला देवी का किरदार निभाना कितना चुनौती भरा था?
जवाब ः बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। मुझे इस किरदार को निभाने का फख्र है। क्योंकि वे ऐसी महान स्त्री हैं जिनके दिमाग का कोई सानी नहीं था। उनको ह्रयूमन कंप्यूटर के नाम से नवाजा जाता था। गणित में उनका दिमाग इतना तेज था कि वे हर सवाल चुटकी में हल कर लेती थीं। उनका नाम गिनीज बुक तक में दर्ज किया गया है।

सवाल : क्या आपने इस किरदार के लिए कोई खास तैयारी की थी ?
जवाब ः तैयारी तो मेरी यही थी कि मैने उनके किरदार को पूरी तरह समझा। उनके लुक और हेयर स्टाइल को कापी किया। वे एक जबरदस्त महिला हैं जिनके जैसा मुझे बनना था तो मैंने उनको पूरी तरह आर्ब्जव किया। इसके अलावा निर्देशक अनु मेनन जिन्होने यह कहानी लिखी भी है, मैंने उनको पूरी तरह फोलो किया। दरअसल वे अच्छी तरह जानते हैं कि मुझे किस तरह अपना किरदार प्रस्तुत करना है। मै उनके कहे अनुसार ही काम करती चली गई।

सवाल : इस लंबे लॉक डाउन के तहत कई लोग मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं। आपने इसका किस प्रकार सामना किया? क्या आप इस तनाव भरे माहौल में शूटिंग मे लौटना पसंद करेंगी?
जवाब ः  जब पूर्णबंदी की शरुआत हुई थी तो मैं फिल्म शेरनी की शूटिंग कर रही थी। तब मैंने इसे इतना गंभीरता से नहीं लिया था। मुझे लगा था कि एक दो दिन घर मे रहना होगा। लेकिन बाद में जब काफी दिनों तक लॉकडाउन रहा तो परेशान होने लगी थी। लेकिन बाद में मैंने अपने आप को उस हिसाब से ढालन शुरू किया। जहां तक शूटिंग पर लौटने की बात है तो अगर पूरी तरह से हमारी सुरक्षा है तो मुझे काम पर लौटने मे कोई एतराज नही है।

सवाल : ऐसे दौर मे आपके हिसाब से कलाकार को क्या रास्ता अपनाना चाहिए कि वह अवसाद का शिकार ना हो, हालात का सामना कर पाए?
जवाब ः हां ऐसा होता है क्योंकि वक्त हमेशा एक सा नही रहता। लिहाजा मेरा मानना है कि आपको पहले से सोच कर चलना चाहिए कि यह पूरी तरह स्थायी नही है। अच्छा वक्त है तो बुरा भी आएगा। और उस बुरे समय के लिए भी आपको मानसिक तौर पर तेयार रहना चाहिए।

सवाल ः अपनी अब तक की फिल्मों के निर्देशक को लेकर आपने क्या राय कायम की है? आप उनका अपने करिअर की सफलता मे कितना योगदान मानती हैं? और क्या कोई ऐसा डायरेक्टर है जिसके साथ आपकी काम करने की दिली इच्छा अभी तक पूरी ना हुई हो?

जवाब ः हां है ….गुलजार साहब। मैं उनके साथ एक फिल्म करने की दिल से इच्छुक हूं। हालांकि फिल्म इश्किया के लेखक गुलजार साहब थे। लेकिन उनके निर्देशन मे काम करने का मौका मुझे नही मिला है। बाकी जहां तक मेरी फिल्मों के निर्देशकों का सवाल है तो वह कैप्टन आफ द शिप है जो मेरा विश्वास है। मेरी फिल्मों के निर्देशकों का ही कमाल है जिन्होंने मुझे इतना भरोसा दिया कि मै डर्टी पिक्चर और इश्किया जैसी बोल्ड फिल्मे करने को तैयार हो गई। मेरी सफलता का काफी कुछ श्रेय मेरे डायरेक्टरों को जाता है, फिर चाहे वह मिलन हो सुजाय हो बाल्कन हो जिन्होंने मुझे पा करने की राय दी। हर फिल्म की सफलता की जिम्मेदारी सिर्फ निर्देशक की होती है, हम कलाकार तो सिर्फ काम करते हैं।