शाहरुख खान ने साल 1992 में ऋषि कपूर, दिव्या भारती स्टारर फिल्म ‘दीवाना’ से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की था। इस साल आई उनकी कई फिल्मों के एक फिल्म ‘राजू बन गया जेंटलमैन’ भी थी जिसमें उन्होंने जूही चावला, अमृता सिंह और नाना पाटेकर के साथ काम किया था। शाहरुख खान इस फिल्म में अपनी एक्टिंग देख इतने निराश हुए कि उन्हें यकीन हो चला कि वो एक्टिंग नहीं कर सकते। शाहरुख खान ने मुंबई छोड़ने का भी फैसला कर लिया था।

शाहरुख ने इस बात का जिक्र बॉलीवुड हंगामा को दिए एक इंटरव्यू में किया था। जब उनसे पूछा गया कि उनकी जिंदगी का वो पल कौन सा है जब उन्होंने महसूस किया कि वो जीरो हैं। जवाब में उन्होंने बताया था, ‘जब मैंने राजू बन गया जेंटलमैन का पहला हिस्सा देखा तब मुझे ऐसा महसूस हुआ। अज़ीज़ मिर्ज़ा (फिल्म के निर्देशक), जूही चावला, मेरे साथ थे और उनके साथ मैंने फिल्म देखी।’

शाहरुख खान ने आगे कहा था, ‘मैंने उनके चेहरे देखे, अपना बैग पैक किया और दिल्ली जाने के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट चला गया था। मैंने कहा मैं एक्टिंग नहीं कर सकता हूं। मैंने पूरी फिल्म नहीं देखी, बस कुछ हिस्सा देखा था।’

शाहरुख खान हालांकि मुंबई में ही रह गए और उन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए यह साबित किया कि वो बॉलीवुड के बेताज बादशाह हैं। शाहरुख खान एक वक्त बेहद कम रुपयों में थिएटर के बाहर टिकट बेचने का काम किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहरुख खान को उस वक्त 50 रुपए मिलते थे।

 

शाहरुख ने ‘डांस प्लस 5’ शो पर अपने संघर्ष के दिनों का एक बड़ा मजेदार किस्सा सुनाया था। उन्होंने बताया था कि उनकी पहली सैलरी 50 रुपए थी और उन्हीं पैसों को लेकर वो ताजमहल देखने आगरा निकल पड़े थे। टिकट खरीदने के बाद उनके पास बस उतने ही पैसे बचे थे जितने में वो एक लस्सी पी सकें।

उन्होंने जैसे ही लस्सी खरीदी एक मक्खी आकर उसमें गिर गई। शाहरुख खान के पास और पैसे नहीं थे कि वो दूसरी लस्सी खरीद सकें इसलिए उन्होंने लस्सी से मधुमक्खी निकाली और लस्सी पी लिया था। इसके बाद वो उल्टियां करते हुए घर आए थे।