हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई स्टार्स रहे हैं, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत बहुत बेहतरीन तरीके से की और बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई। इसके बाद उन्होंने काफी भी किया, लेकिन फिर वह इंडस्ट्री से गायब हो गए। इनमें से कुछ सिस्टम की भीड़ में खो गए, तो कुछ अपनी जिद की वजह से पीछे रह गए। इसके अलावा कुछ की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
आज हम आपको एक ऐसे ही स्टार के बारे में बताते हैं, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत शाहिद कपूर के साथ ही फिल्म ‘इश्क विश्क’ से की थी और अपने करियर के पीक पर आकर इंडस्ट्री छोड़ दी। उस स्टार का नाम है विशाल मल्होत्रा। इंडस्ट्री छोड़ने के बाद विशाल ने आगे चलकर एक उद्यमी और यूट्यूबर के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई।
साथ ही उन्होंने एक इंटरव्यू में यह भी बताया कि कैसे उन्होंने बॉलीवुड छोड़ दिया, क्योंकि फिल्ममेकर उन्हें उस तरह का काम देने के लिए तैयार नहीं थे, जो वह करना चाहते थे। जब उन्होंने दोस्त वाले किरदार से आगे बढ़कर बेहतर रोल मांगे, तो वही लोग जिन्होंने उन्हें पहले काम दिया था, सिर्फ दो शब्द बोलते थे कि नहीं, मुमकिन नहीं।
हालांकि, उनका एक फैसला उनके लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ और वह था टॉयलेट क्लीनर ‘हार्पिक’ का ब्रांड फेस बनना। इससे वे हीरो के दोस्त वाली छवि से बाहर निकले और अपनी अलग पहचान बनाने में सफल हुए।
बताया कैसे मिला पहला ब्रेक
TEDx कार्यक्रम में स्पीकर के रूप में शामिल होते हुए अभिनेता ने अपने एक्टिंग, टीवी एंकरिंग और बिजनेस के दिनों से जुड़े कई किस्से शेयर किए। साथ ही उन्होंने अपनी पहली बड़ी सफलता की कहानी बताई बताते हुए कहा, “करीब 30 साल पहले, मैं क्लास बंक कर रहा था, तभी एक बहुत खूबसूरत लड़की मेरी तरफ आती हुई दिखी।
वह मेरे पास आकर बोली कि हम अपने चैनल के लिए नए चेहरे की तलाश में हैं, क्या आप इंटरेस्टेड हैं? मुझे तो यह भी नहीं पता था कि ऑडिशन क्या होता है। मैं अगले दिन पहुंच गया, ऑडिशन दिया और अगले 10 साल तक भारत में डिज्नी का चेहरा बन गया।”
जब डायरेक्टर से कही ये बात
इसके बाद विशाल ‘जन्नत’ और ‘किस्मत कनेक्शन’ जैसी फिल्मों में भी नजर आए, लेकिन कुछ प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के साथ उनके रिश्ते बिगड़ गए। हिंदी रश को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने इंडस्ट्री से बाहर कर दिए जाने के अनुभव के बारे में बताया। एक्टर ने कहा, “जब मैंने अलग तरह का रोल मांगा, तो एक बड़े प्रोड्यूसर ने इसे अपनी इगो पर ले लिया।
इसके साइड इफेक्ट बहुत खतरनाक थे। मैं इसकी मार झेलने के लिए तैयार नहीं था। जब इतना ताकतवर आदमी आपकी काबिलियत को ठुकरा देता है, तो आपका करियर लगभग खत्म हो जाता है। मुझे दो साल तक कोई काम नहीं मिला। मैं उस वक्त बहुत डर गया था।”
मुश्किल समय में ऐसे उबरे विशाल
इसके आगे उन्होंने यह भी बताया कि निवेश के मामले में शुरुआती अनुशासन ने उन्हें मुश्किल दौर से उबरने में मदद की। विशाल ने कहा, “मेरे माता-पिता ने मुझे करियर की शुरुआत से ही निवेश करना सिखाया था। अपना पहला चेक मिलने के बाद मैं अपनी मां के पास गया और उन्होंने मुझे रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 715 रुपये निवेश करने को कहा। उन्होंने कहा कि आज तुम मुझे जो भी दे रहे हो, उससे तुम पांच साल में एक घर खरीद पाओगे। उन्होंने मेरा बहुत अच्छा मार्गदर्शन किया।”
इसके आगे विशाल ने टेलीविजन एंकर के रूप में कुछ समय बिताने के बाद आखिरकार अपने कदम पीछे खींच लिए और खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया, यह फैसला उनके करियर के लिए फायदेमंद साबित हुआ। अपने बिजनेस के शुरुआती दिनों को याद करते हुए मल्होत्रा ने कहा, “मैंने अपनी खुद की ऐड एजेंसी शुरू की और कई ऐड फिल्में बनाईं। भारत के सबसे बड़े रिटेलर्स जैसे रिलायंस के साथ काम किया।
मैं उन्हें तरह-तरह के पेपर प्रोडक्ट्स बेचता था, टिश्यू पेपर से लेकर टॉयलेट रोल तक। फिर मुझे NFTs (नॉन-फंजिबल टोकन) के बारे में पता चला। मुझे यह बात बहुत अच्छी लगी कि NFTs में क्रिएटर के पास ही उसके काम के सारे अधिकार रहते हैं। जिन फिल्मों में मैं था, उन पर मेरे पास कोई अधिकार नहीं था। इसलिए मैं NFTs की दुनिया में उतरा और मैं पहला भारतीय अभिनेता बना जिसने NFT बनाया और बेचा।”
मल्होत्रा ने क्रिप्टोकरेंसी से बाहर निकलने के बारे में भी बात की और कहा, “जैसे ही कोविड खत्म हुआ, कई लोगों ने मुझे अपने एनएफटी बेचने का सुझाव दिया, क्योंकि ऐसी अफवाहें थीं कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाली है। मैंने उनकी सलाह मानी और पैसे कमाए। मुझे जो मिला वह अच्छी-खासी रकम थी और वह रकम मेरी लिखी एक फिल्म के लिए बिल्कुल सही थी। फिर मैंने अपनी पहली फीचर फिल्म ‘इल्म’ लिखी, निर्मित और निर्देशित की, जो पूरी तरह से एनएफटी द्वारा वित्त पोषित दुनिया की पहली फिल्म बन गई।”
अभिनेता ने कहा कि हार्पिक का ब्रांड एंबेसडर बनने के उनके एक और फैसले ने उन्हें अपने किरदारों से बाहर निकलने में मदद की। एक्टर ने कहा, “पहले लोग मुझे ‘मम्बो’, ‘जन्नत’ फिल्म, ‘विक्की वेताल’ के नाम से जानते थे। फिर मुझे ‘हार्पिक’ के विज्ञापन करने का बड़ा फायदा यह हुआ कि अब लोग मुझे विशाल मल्होत्रा के नाम से जानने लगे। विज्ञापनों की स्क्रिप्ट यह थी कि मैं लोगों से मिल रहा था, उनके दरवाजे खटखटा रहा था और खुद को विशाल के रूप में पेश कर रहा था। छह साल तक मैंने खुद को विशाल के रूप में पेश किया। इसने मुझे एक ब्रांड बना दिया।”
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