शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) की एक्शन से भरपूर फिल्म ‘ब्लडी डैडी’ (Bloody Daddy) को ओटीटी प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा पर रिलीज कर दिया गया है। इसकी फ्री में स्ट्रीमिंग की जा रही है। ये फ्रांसीसी फिल्म ‘स्लीपलेस नाइट’ का हिंदी रिमेक है। हालांकि, इससे पहले मूवी का तमिल रीमेक बन चुका है। इसमें जहां जबरदस्त एक्शन देखने के लिए मिल रही है वहीं, कहानी उतनी ही कमजोर है। ये अधपके चावल जैसी है।
क्या है शाहिद कपूर की फिल्म की कहानी?
शाहिद कपूर फिल्म ‘ब्लडी डैडी’ में सुमेर आजाद के रोल में हैं। उनका फिल्म में ऐसा किरदार है, जो नारकोटिक्स कंट्रोल विभाग के एक अधिकारी होते हैं। वो सरकारी महकमे में होने के बाद भी सिंकदर चौधरी (रोनित राय) के लिए काम करते हैं। रोनित रॉय फिल्म में नशे का कारोबार करते हैं और उनका सेवन स्टार होटल भी है। सुमेर कोकीन का एक बैग पकड़ता है, लेकिन वो इसके पहले कि वो बैग सिकंदर को पहुंचाए, उसकी चोरी हो जाती है और चोरी भी पुलिस महकमे का अधिकारी समीर (राजीव खंडेलवाल) करता है, जो खुद भी अपना रेकैट चलाता है। बाद की कहानी यही है कि जब सिकंदर को ड्रग्स के भरा बैग नहीं मिलता है तो वो सुमेर के बच्चे को अगवा करा लेता है। आगे की कहानी ये है कि सुमेर अपने बच्चे को छुड़ा पाता है या नहीं। इसके लिए तो आपको मूवी को गौर से देखना होगा।
एक्शन से भरपूर मगर कहानी में नहीं है दम
फिल्म ‘ब्लडी डैडी’ की कहानी एक सेवेन स्टार होटल में चलती है, जिसमें गुप्त रूप से नशे का कारोबार भी चल रहा है और नाच गाना, खाना-पीना भी। होटल के कोरीडिर, किचन और पिछले वाले हिस्से में मारपीट, एक्शन और गोलीबारी चलती है। बेशक फिल्म एक्शन से भरपूर है, लेकिन इसकी कहानी में दम नहीं है। हां, शाहिद कपूर के एक्शन और अभिनय में दम है। फिल्म में अगर कुछ भी आकर्षित करने वाला है तो यही है।
वहीं, मूवी में डायना पेंटी ने अदिति रावत नाम की पुलिस अधिकारी का किरदार निभाया है। उनके पास करने के लिए बहुत कम है। संजय कपूर भी इसमें हैं लेकिन उनका रोल काफी छोटा है। हां रोनित राय ने जरूर एक सफेद पोश अपराधी का किरदार जोरदार ढंग से निभाया है। फिल्म की गति तेज है इसलिए ये दो घंटे तक दर्शक को बांधे रखती है लेकिन इसकी पृष्ठभूमि कोरोना की रखी गई है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। थोड़ी देर तक कुछ पात्र मास्क लगाते हैं लेकिन आगे चल कर सब उतार देते हैं। होटल मे जो लोग डांस कर रहे हैं या जो शादी कर रहे वो भी मास्क नहीं पहने हैं। ऐसे में सवाल ये है कि फिल्म में कोरोना के दौर की कहानी क्यों बताई गई हैं?
Written By: रवींद्र त्रिपाठी