अमिताभ बच्चन और मीनाक्षी शेषाद्री स्टारर फिल्म शहंशाह 12 फरवरी 1988 में रिलीज हुई थी। टीनू आनंद के निर्देशन में बनी इस फिल्म में कादर खान, प्राण, अमरीश पुरी, प्रेम चोपड़ा जैसे दिग्गज विलेन एक्टर थे। यूं तो बिग बी ने अपने फिल्मी करियर में स्क्रीन पर कई डायलॉग बोले हैं जिसे पसंद किया जाता है, लेकिन शहंशाह फिल्म में अमिताभ द्वारा बोला गया ‘रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह’ लोगों को आज भी बेहद पसंद है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म के क्लाइमैक्स को राइटर ने अस्पताल में लिखा था।

राइटर इंदर राज ने अस्पताल में लिखा था क्लाइमैक्स

बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि ‘शहंशाह’ के दौरान इंदर राज आनंद की तबीयत बेहद खराब हो गई थीं। इंदर टीनू आनंद के पिता थे। एक दिन अस्पताल में बेटे टीनू के चेहरे पर तनाव देख इंदर समझ गए कि इसे फिल्म के अंत की चिंता है, जो अभी तक अधूरा है। तब उन्होंने टीनू आनंद को बिस्तर पर लेटे हुए इशारे से अपने पास बुलाया कहा कि बेटे तुम चिंता मत करो मैं तुम्हें बीच में नहीं छोड़ूंगा। मैं लोगों को यह नहीं कहने दूंगा कि एक पिता ने अपना क्लाइमेंक्स पूरा लिखे बिना अपने बेटे को छोड़कर चला गया।

टीनू आनंद ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि आपको विश्वास नहीं होगा अपनी मृत्यु के आख़िरी दिन वो मेरे असिस्टेंट के साथ बैठे और 23 पन्नों का पूरा क्लाइमैक्स लिख डाला डायलॉग्स के साथ। टीनू ने साथ ही यह भी खुलासा किया था कि उनके पिता ने खुद ही ये स्टोरी जया बच्चन को दे दी थी। ऐसा उन्होंने क्यों किया, इसका कारण उन्होंने बताने से इंकार कर दिया था। बता दें कि फिल्म के क्लाइमेक्स शूट होने से पहले इंदर का निधन हो गया था।

शहंशाह 1988 में दूसरी सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म थी

बता दें कि अमिताभ बच्चन को इसी फिल्म के बाद से ही शहशांह के नाम से भी पुकारा जाने लगा। ‘शहंशाह’ 1988 में बॉक्स ऑफिस पर दूसरी सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई थी।

इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन को फिल्मफेयर के बेस्ट एक्टर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर विजय श्रीवास्तव की भूमिका निभाई थी।