Shah Rukh Khan And Rajesh Khanna: वेटरन एक्टर और बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना दशकों तक लोगों के दिलों पर राज किया है। काका के नाम से मशहूर राजेश खन्ना की डायलॉग डिलीवरी का हर कोई कायल होता था। हिंदी फिल्मों में 60 से 70 का दौर राजेश खन्ना के स्टारडम का दौर था। उस वक्त काका ने काफी हिट फिल्में दी। आराधना, इत्तेफाक़, दो रास्ते, बंधन, डोली, सफ़र, खामोशी, कटी पतंग, आन मिलो सजना, ट्रैन, आनन्द, सच्चा झूठा, दुश्मन, महबूब की मेंहदी, हाथी मेरे साथी जैसी सुपरहिट फिल्में देने वाले राजेश खन्ना ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। साल 1969-71 के अंदर काका ने 15 सोलो हिट फ़िल्मों में अभिनय करके बॉलीवुड के सुपरस्टार का खिताब पा लिया था।
साल 1972 में शक्ति सामंत के निर्देशन में बनी फिल्म ‘अमर प्रेम’ ने दर्शकों के दिलों पर छाप छोड़ दिया था। इस फिल्म में राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर मुख्य भूमिका में थे। उस वक्त इस फिल्म का एक डायलॉग काफी लोकप्रिय हुआ था। वो डायलॉग था, ‘पुष्पा आई हेट टीयर।’ फिल्म का यह डायलॉग एक तरह से काका के शरीर से चिपक गया था। कहीं भी जाते हर कोई इसकी डिमांड करता कि वो इस डायलॉग को बोल दें। एक बार ऐसी ही फर्माइश किंग खान शाहरुख खान ने की थी। पहले इस डायलॉग को शाहरुख बोलते हैं फिर वो काका से इसकी डिमांड करते हैं कि, ‘एक बार अपनी आवाज में इसे बोल दें।’ शाहरुख के इस बात पर काका ने रिएक्ट करते हुए कहा कि, ‘आप कैसे बोलते हैं इसे।’ शाहरुख कहते हैं कि, ‘मैं तो इसे बहुत बुरा बोलता हूं सर।’ काका के कहने पर शाहरुख इस डायलॉग बोलते हैं। इसके बाद काका हाथों को घुमाते हुए बोलते हैं, ‘पुष्पा… अरे वो पुष्पा आई हेट टियर, इन आंसुओं को पोछ डालो इस लाइम वाटर के आलावा कुछ नहीं है, आई हेट टीयर पुष्पा’
बता दें कि राजेश खन्ना को 2013 में भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा हिन्दी फ़िल्मों के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी अधिकतम चार बार उनके ही नाम रहा और 25 बार मनोनीत किया गया। फिल्मों के अलावा उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा। 1992 में कांग्रेस पार्टी से एमपी भी रहें। राजेश खन्ना का 18 जुलाई 2012 को उनके खुद के ‘आशीर्वाद’ बंगले में देहांत हो गया।