Shabana Azmi speak on fake navratri message: वेटरन एक्ट्रेस शबाना आजमी हिंदी सिनेमा की मंझी हुई अदाकारा मानी जाती हैं। किसी भी रोल में वो दर्शकों पर छाप छोड़ने में कामयाब होती हैं। फिल्मों और थिएटर में काफी सक्रिय रहतीं हैं। फिल्मों में सक्रियता के आलावा शबाना सामाजिक सरोकार से जुड़ी हुई चीजों पर खुलकर अपनी राय रखती हैं। इसके साथ सियासत पर भी बोलने से नहीं हिचकिचातीं हैं। इसलिए उनको कई बार ट्रोल का शिकार भी होना पड़ा है।
हाल ही में उनपर नवरात्रि के एक फर्जी संदेश को लेकर काफी ट्रोल किया जा रहा है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक संदेश प्रसारित हो रहा है जिसे शबाना आजमी का बताया जा रहा है। उस संदेश में लिखा है कि, ‘मैं इस नवरात्रि पर अल्लाह से दुआ करती हूं कि लक्ष्मी को भीख ना मांगना पड़े, दुर्गा की भ्रूण हत्या ना हो, पार्वती को दहेज ना देना पड़े, सरस्वती बिना स्कूल के अनपढ़ ना रहे और काली को फेयर एंड लवली की जरूरत ना पड़े! इंशा अल्लाह!’ वहीं इसके साथ एक संदेश और लिखा है कि, ‘क्या ये तीन तलाक, चार बीवियां, बुरका, हलाला, जनसंख्या नियंत्रण पर बोलेंगी?’
इस संदेश को लेकर ट्रोल का शिकार हो रही शबाना आजमी ने ट्विटर पर जबाव देते हुए लिखा कि, ‘मैंने ऐसा कभी नहीं कहा। यह स्पष्ट है कि ट्रोल ध्रुवीकरण और माहौल को सांप्रदायिक रूप देने के लिए क्या करेंगे। मैं अपने धर्म की परवाह किए बिना सभी महिलाओं के लिए काम करती हूं।’ शबाना आजमी के इस जवाब के बाद भी लोग काफी भद्दे कमेंट कर रहे हैं।
I have NEVER said this . It is DISGUSTING what trolls will stoop to polarise and communalise an already charged atmosphere. I work for all women irrespective of their religion. pic.twitter.com/ACqn5vx3dU
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) April 9, 2019
बता दें कि शबाना आजमी ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1973 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ से की थी। इस फिल्म की सफलता ने शबाना आजमी को हिंदी सिनेमा में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था। फिल्म अकुंर के बाद 1983 से 1985 तक लगातार तीन सालों तक उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हुआ। अर्थ, खंडहर और पार जैसी फिल्मों के लिए भी उनको राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया।
