SCAM 1992: हाल ही में हर्षद मेहता पर बनी एक वेब सीरीज ‘Scam-1992’ खूब चर्चा में है। हर्षद मेहता ने भारत में सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट घोटाला किया था। इसमें वेब सीरीज में पीवी नरसिम्हा राव और मशहूर तांत्रिक चंद्रास्वामी का भी जिक्र है। हर्षद मेहता ने स्टॉक मार्केट में लगभग 4000 करोड़ रुपए का घोटाला किया था।

टाइम्स ऑफ इंडिया की पत्रकार सुचेता दलाल ने हर्षद मेहता के इस घोटाले का पर्दाफाश किया था। इस घोटाले में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का भी नाम आया था। पीवी नरसिम्हा राव के करीबी चंद्रास्वामी के कारण हर्षद मेहता का केस बहुत दिन तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। कहा जाता है चंद्रास्वामी की वजह से इस केस को दबाया जाता रहा।

सिर्फ हर्षद मेहता से ही नहीं, बहुत से बड़े लोगों से चंद्रास्वामी के करीबी रिश्ते थे। चंद्रास्वामी को पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और पीवी नरसिम्हा राव का करीबी माना जाता था। तांत्रिक चंद्रास्वामी पर हथियारों की दलाली और हवाला के कारोबार में शामिल होने के आरोप भी लगे।

नरसिम्हा राव के रहे बेहद करीबी

जब पीवी नरसिम्हा राव आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तभी चंद्रास्वामी उनके करीबी हो गए थे। उन्हें पीवी नरसिम्हा राव के सबसे नजदीकी सलाहकारों में से एक माना जाता था। ये भी कहा जाता है कि नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान चंद्रास्वामी को कभी नरसिम्हा राव से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं पड़ी।
मार्ग्रेट थैचर के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी भी की थी

चंद्रास्वामी ने मार्ग्रेट थैचर के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी भी की थी। भारत के पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया था ,’जब मैं ब्रिटेन में हाईकमिश्नर था तब चंद्रास्वामी ने उन्हें लॉर्ड माउंटबेटन और मार्ग्रेट थैचर से मिलवाने के लिए कहा। मार्ग्रेट थैचर से मुलाकात तय हुई तो कुछ ही सवाल-जवाबों में मार्ग्रेट थैचर उनसे बेहद प्रभावित हो गईं।’

कुंवर नटवर सिंह ने बताया था,’चंद्रास्वामी ने उन्हें ताबीज़ देते हुए अगली मुलाकात में लाल वस्त्र पहनकर आने को कहा। मार्ग्रेट थैचर अगली मुलाकात में ताबीज़ और लाल वस्त्र पहनकर चंद्रास्वामी से मिलने आईं। मार्ग्रेट थैचर ने चंद्रास्वामी से पूछा मैं प्रधानमंत्री कब बनूंगी ? चंद्रास्वामी ने कहा आप साढ़े तीन साल में प्रधानमंत्री बन जाएंगी। यही हुआ भी, साढ़े तीन साल बाद मार्ग्रेट थेचर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बन गईं।’

राजीव गांधी की हत्या के षड्यंत्रों में भी आया था नाम

चंद्रास्वामी पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के षड्यंत्रों में शामिल होने का आरोप भी लगा। 1996 में ब्रिटेन के भारतीय मूल के उद्योगपति लक्खूभाई पाठक को ठगने के आरोप में चंद्रास्वामी का गिरफ्तार किया गया, इसके बाद तिहाड़ जेल में भी जाना पड़ा।