प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में बड़े फेरबदल किए हैं जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है। पीएम मोदी की कैबिनेट में कई पुराने मंत्रियों को कार्यभार से मुक्त किया गया है तो कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह भी मिली है। ऐसे में ट्विटर फेसबुक पर मंत्रियों पर खूब चुटकी ली जा रही है। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह भी अपनी एक पोस्ट में मोदी सरकार पर निशाना साधते दिख रहे हैं।

अपने ट्वीट में एक्टर सुशांत सिंह लिखते हैं- ’70 सालों में पहली बार, 71 मंत्री ! हैरान न हों, ‘टू मच डेमोक्रेसी’ को संभालने के लिए लोग तो लगेंगे ही न? जम्हूरियत का खेला होबे जमूरों !!’ इस पोस्ट के साथ सुशांत ने अपने दो साथियों को भी टैग किया। एक्टर नकुल मेहता औऱ फिल्म डायरेक्टर अजय सिंह को टैग करते हुए सुशांत सिंह ने ये पोस्ट की।

सुशांत के इस ट्वीट को देख कर ढेरों लोगों ने भी रिएक्ट करना शुरू कर दिया। अनुज कुमार नाम के एक यूजर ने कहा- ‘आज टीवी चैनल की बहस में एक भाजपाई प्रवक्ता ने बड़े उत्साह और खुशी के साथ ये कह ही दिया है कि सरकार जितनी मर्ज़ी महंगाई बढ़ा ले, मध्यम वर्गीय परिवार तो उसे टॉलरेट कर ही लेंगे। अमीरों को कोई फर्क नहीं पड़ता और गरीबों को पेट्रोल डीज़ल से लेना-देना ही क्या है ! बाकी सब राम भरोसे।’  एक यूजर ने एक्टर को कहा- ‘पहले सही जानकारी रखे फिर कुछ लिखिए 71मंत्री नहीं 77 मंत्री हो गए हैं।’

इंद्रजीत नाम के शख्स ने कहा- ‘हकीकत तो यह है कि विपक्षी दलों के हाथ से बात निकल चुकी है, जो विपक्षी दल आवाज उठा रहे हैं, उन्हें जनसमर्थन नहीं है। वर्तमान स्थिति में आमजन का मौन, सत्ता की ताकत बन चुका है। अब आमजन को “गर” दुख दर्द तकलीफ वगैरा-वगैरा कुछ है? तो आमजन को ही सड़क पर आना होगा।’

अनुज कुमार नाम के यूजर बोले- ‘जब देश की अर्थव्यवस्था पाताल में धंसी हुई है, उद्योग-धंधे चौपट हैं, महंगाई और बेरोज़गारी ने हाहाकार मचाया हुआ है, ऐसे में मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर देशवासियों के टैक्स पर खुल्लम-खुल्ला डाका डाला जा रहा है। वह भी ऐसे मंत्रियों के लिए जो काम के ना काज के सिर्फ दुश्मन अनाज के।’

बबीता नाम की एक महिला यूजर बोलीं- ‘जिसके पास धन था, जबान में जादू था, जो जनता को सब्जबाग दिखा सकते थे, उन्होंने डेमोक्रेसी की आड़ में सारी शक्ति हथिया ली।’

सौरभ नाम के यूजर ने लिखा- अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप, अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप। तो किसी ने कहा- इस सरकार में कुछ भी हो सकता है भाई साहब।